बिजली कर्मियों की हड़ताल से सैकड़ों गांवों की बिजली गुल, जल संकट गहराया
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के द्वारा की जा रही 72 घंटे की हड़ताल का व्यापक असर विद्युत आपूर्ति पर देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीणांचल में बड़े पैमाने पर घंटों से बिजली गुल है। बिजली नहीं मिलने से लोगों के समक्ष पेयजल का संकट भी खड़ा हो गया है। हालांकि बिजली कर्मियों की हड़ताल से निपटने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम कर रखा है, लेकिन वह इंतजाम भी काम नहीं आ रहा है, क्योंकि बिजली बहाल करने के लिए जिन्हे जिम्मेदारी दी गई है, उसमें ज्यादातर लोग ऐसे-ऐसे विभागों के हैं, जिन्हे बिजली के बारे में एबीसीडी भी नहीं आती।
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कमोवेश इसी तरह की समस्या विद्युत उपकेंद्र शंकरगढ़ की है। विद्युत सबस्टेशन शंकरगढ़ में चार फीडर हैं, जिसमें से सिर्फ शंकरगढ़ फीडर की नई और पुरानी लाइन ही वर्तमान समय में चालू है। इन दोनों लाइनों पर निर्बाध आपूर्ति मिल रही है। जबकि उपकेंद्र के जूही फीडर की लाइन गुरुवार की रात करीब 10 बजे से प्रभावित है। इस फीडर से करीब 70 से अधिक गांवों के लोग बिजली-पानी के लिए तरस रहे हैं।
इसी तरह आमगोंदर फीडर की बिजली गुरुवार की रात से बंद है और इस फीडर के अंतर्गत बड़गडी, रमना, लखनौटी, जनवा, बिहरिया, गाढ़ा कटरा, गोलइया के लोग परेशान हैं। इसी तरह की स्थिति विद्युत उपकेंद्र बारा, जसरा, लालापुर आदि में भी देखने को मिल रही है।
दूसरी तरफ यदि पूरे जनपद की बात करें तो यहां पर लगभग 43 उपकेंद्रों से सप्लाई की जाती है, जिसमें दो दर्जन से अधिक उपकेंद्रों से सप्लाई प्रभावित है। इस वजह से जनपद के एक बड़े भाग में बिजली गुल है। कहीं पर बिजली बीती रात से ही गायब है तो कहीं पर आज सुबह से बिजली कट गई है।