संपूर्ण समाधान दिवसः जिसमें फरियादी की चप्पल घिस जाए और हिम्मत टूट जाए…
एक ही शिकायत को लेकर बार-बार पहुंच रहे फरियादी, नहीं हो रहा समाधान
शासन के सख्त निर्देश के बावजूद कोरम पूरा करने सिमटे जिम्मेदार अधिकारी
प्रयागराज (राहुल सिंह). प्रदेश की योगी सरकार का सख्त आदेश है कि किसी भी कार्यालय में कोई फरियादी आए तो उसकी शिकायत को गंभीरता से सुना जाए और निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण समाधान किया जाएगा। शासन के इस दो लाइन के फरमान का जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लगभग प्रत्येक बैठकों में जिक्र किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत का इस फरमान से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। विभिन्न विभागों के कार्यालयों, तहसीलों व थानों पर लगने वाले समाधान/जनसुनवाई की हकीकत यह है कि लोग एक ही शिकायत को लेकर बार-बार पहुंच रहे हैं और जिम्मेदारों के द्वारा बार-बार वही आदेश पारित किया जा रहा है।
शनिवार, तीन जून को तहसील कोरांव में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। तहसील दिवस में ग्रामीणांचल से तमाम फरियादी आए थे। शिकायत करने वालों की भीड़ में महुली गांव के चंद्रशेखर पुत्र रामगरीब भी शामिल थे। चंद्रशेखर चक संख्या 310 की नाप करवाने के लिए पिछले सालभर से कोरांव तहसील का रास्ता नाप रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी शिकायत पर कोई कार्य़वाही नहीं हुई। चंद्रशेखर ने पहली शिकायत 16 जुलाई, 22 को की थी। उसके बाद से आज फिर से शिकायत की। इस दौरान उन्होंने कुल चार दफा शिकायत की।
चाय पीने गए ट्रक चालक की सरेआम गोली मारकर हत्या |
भगवान करें यह दृश्य भविष्य में न देखना पड़ेः 238 people died in Balasore train accident |
कोरांव में एसडीएम सुदामा वर्मा, तहसीलदार अनिल वर्मा, एसीपी मेजा विमल किशोर मिश्र, थाना प्रभारी कोरांव धीरेंद्र सिंह की अगुवाई में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में समस्या का समाधान पानेके लिए सिकरो के हरिश्चंद्र पुत्र भाईलाल भी पहुंचे थे। वह भी तीन बार गुहार लगा चुके हैं। हरिश्चंद्र के मुताबिक वह शौचालय बनवा रहे हैं, लेकिन गांवके ही कुछ लोग बनने नहीं दे रहे। इसी तरह सिकरो के ही राजेश पुत्र बच्चू लाल ने सरकारी चकमार्ग संख्या 767 पर कब्जे की शिकायत की। कब्जे के कारण उस चकमार्ग पर रोड का निर्माण नहीं हो पा रहा है। बरसात में लोगों को कपड़ा उतारकर घर तक पहुंचने पड़ता है।
उच्च कोटि के आत्मविश्वास से सफलता की 100 फीसद गारंटीः मुख्य न्यायाधीश |
Balasore train accident: अब तक 233 यात्रियों की मौत, रेस्क्यू में एयरफोर्स को भी लगाया गया |
इसी तरह गोकुल पुत्र भगवत ने चकबंदी विभाग से संबंधित शिकायत करते हुए पैमाइश की मांग की। गोकुल दोबार शिकायत कर चुके हैं। फरियादियों का आरोप है कि शिकायती पत्र लेकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है, इसके बाद कोई सुनवाई नहीं होती।
इस मामले में तहसीलदार कोरांव अनिल कुमार वर्मा का कहना है कि आज के समाधान दिवस में पांच टीमों को मौके पर निस्तारण के लिए रवाना किया गया है। साथ ही आपसी सुलह-समझौते के आधार पर भी शिकायतों का निस्तारण करवाया जाता है। जबकि कुछ प्रकरण ऐसे होते हैं, जो अदालत से संबंधित होते हैं, उनके निस्तारण में समय लगता है।