नदी, नहर, नाले और गहरे तालाब में बच्चों को न जाने दें
प्रतापगढ़ (हरिश्चंद्र यादव). बरसात के सीजन में होने वाली जनहानि को कम करने के लिए प्रशासन ने विशेष एहतियात बरतने की अपील की है। एडीएम (वित्त) त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया कि सावधानी अपनाएं-जीवन बचाएं। डूबने से बचाव के लिए सुरक्षा के उपायों को अपनाएं।
उन्होंने बताया है कि यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले अथवा तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरे एवं गहराई का ध्यान रखें।
ओवरलोडेड नौका में न बैठें, कोशिश करें कि किसी नदी, पोखर, तालाब या जलस्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय अपने साथ 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों व अन्य जलस्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें।
छोटे बच्चों को घाटों एवं जलस्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
उन्होंने जनपद के ग्राम प्रधानों एवं नागरिकों से अपील की है कि नदियों, तालाबों अथवा अन्य जलस्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जलस्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है। इसलिए सतर्कता बरतने और जागरूकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करें।