खराब इंजीनियरिंग का दंड भोग रहे गोपीगंजवासीः एनएच-2 की सर्विस लेन पानी में जलमग्न
निर्माण के समय नहीं देखा गया नाले का वाटर लेवल, प्राधिकरण और पालिका प्रशासन एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). गोपीगंज नगर के प्रवेश मार्ग के उत्तरी और दक्षिणी लेन पर जलजमाव की समस्या लाइलाज हो गई है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे की सर्विस लेन पर जलभराव (Water logging) से राहगीरों को आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नेशनल हाईवे-2 के सिक्स लेन निर्माण के दौरान बारिश के पानी की निकासी (Water evacuation) के लिए नाला तो बना दिया गया, लेकिन नाले का पानी कहां जाएगा, इसकी व्यवस्था नहीं की गई। इसलिए यहां जलनिकासी (Water evacuation) की समस्या विकट हो गई है।
नाले में पानी ओवरफ्लो हो जाने पर पूरा सर्विस लेन झील बन जा रहा है। मामूली बरसात में ही एनएच-2 के पश्चिमी छोर पर गिराई गई सर्विस लेन पूरी तरह जल मग्न (Water logging) हो जाती है। जलभराव रोकने के लिए प्राधिकरण का हर हथकंडा फेल हो जा रहा है। चोक हुई नालियों की सफाई के दौरान गंदे पानी के सोर्स का पता लगाने के लिए दक्षिणी छोर से आ रही नाली को बंद कर दिया है, जिसका नतीजा रहा कि नाली का पानी पूर्वी छोर की तरफ बैकफ्लो कर गया। इस वजह से पश्चिमी के साथ अब पूर्वी छोर पर भी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है।
अब प्राधिकरण और नगर पालिका प्रशासन एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दो संस्थाओं की खींचतान में लाखों की सर्विस लेन बर्बाद हो रही है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर सहूलियत के लिए प्राधिकरण की ओर से लाखों खर्च कर सर्विस लेन का निर्माण कराया गया। सर्विस लेन के पश्चिमी छोर पर स्थित नाली की नियमित साफ सफाई न होने से कई महीने से वहां गंदा पानी जमा है। बीते एक महीने से प्राधिकरण नालियों की सफाई में जुटा है। इसके बाद भी पानी का लेवल कम न होने पर पानी के सोर्स का पता लगाने के लिए प्राधिकरण ने दक्षिणी छोर के नाले को बंद कर दिया।
स्थानीय नागरिक मुन्नू बरनवाल, ओमप्रकाश, रामजी जायसवाल व शिव कुमार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि बिना लेवल देखे नाला का निर्माण तो करा दिया, लेकिन नाले का पानी जाएगा कहां, इसकी व्यवस्था नहीं की गई, जिससे स्थिति नारकीय हो गई है।