पश्चिमांचल

पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, 26 जनपदों से 57 गिरफ्तार

एनआईए से मिले इनपुट के आधार पर एटीएस, एसटीएफ और जनपदीय पुलिस ने चलाया अभियान

लखनऊ (the live ink desk). यूपीएटीएस, एसटीएफ और जनपदीय पुलिस ने पीएफआई के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की और कुल 57 लोगों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी की यह कार्रवाही पूरे प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में एक साथ की गई। कई स्थानों पर छापामारने पहुंची टीमों को दीवार फांदकर मकान के अंदर दाखिल होना पड़ा।

एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश के 26 जिलों में यूपीएसटीएफ, एटीएस और जनपदीय पुलिस ने एक साथ छापेमारी की। इस दौरान पीएफआई और उसके अनुसांगिक संगठनों से जुड़े 57 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी लॉ एंड आर्डर ने बताया कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वह लोग देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे और हिंसा की कई घटनाओं में शामिल थे।

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एडीजी लॉ एंड आर्डर के मुताबिक जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन लोगों पर देश के विभिन्न स्थानों पर हिंसा फैलाने, देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। छापेमारी के दौरान विभिन्न प्रकार के संवेदनशील दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, उनका विश्लेषण किया जा रहा है। पूछताछ और दस्तावेजों के विश्लेषण के उपरांत सभी के खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।

छापेमारी की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ, सीतापुर, सहारनपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, शामली, बुलंदशहर, जौनपुर, आजमगढ़ समेत अन्य जिलों में की गई है। एटीएस नोएडा और मेरठ की टीम ने पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद से 12, मेरठ से तीन और बुलंदशहर से एक पीएफआई सदस्य को हिरासत में लिया है। सीतापुर से दो सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है। मेरठ से फुरकान नाम के व्यक्ति को उठाया है। जो पीएफआई का सक्रिय सदस्य बतायाजा रहा है। बुलंदशहर से एक मौलवी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इससे पहले एटीएस ने एनआईए से मिले इनपुट के आधार पर शामली, कैराना और मुजफ्फरनगर से चार लोगों को हिरासत में लिया था।

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सूबे में एनआईए से मिले इनपुट के आधार पर की गई छापेमारी के उपरांत प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा, प्रदेश सरकार पीएफआई के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त कर देगी। उत्तर प्रदेश में कानून के राज के अलावा कुछ और नहीं चलेगा। बताते चलें कि 23 सितंबर को भी एनआईए और एटीएस ने संयुक्तअभियान उत्तर प्रदेश में चलाकर पीएफआई से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया था, जिनका पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

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