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हिंदी दिवस पर विशेषः उत्तर से दक्षिण तक और पश्चिम से पूरब तक पुष्पित-पल्लवित हो रही हमारी हिंदी

हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है ताकि हिंदी को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया जा सके। हिंदी दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, दिल्ली में एक समारोह में भाषा के प्रति अपने योगदान के लिए लोगों को राजभाषा पुरस्कार प्रदान करते हैं। भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो आर्यन भाषा हिंदी को 14 सितंबर 1949 को देश की अधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी और अपनाया था। 14 सितंबर का दिन भारत के स्कूल, विश्वविद्यालय, बड़े-बड़े सरकारी कार्यालय, संगठनों के द्वारा सेमिनार और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं। कई जगहों पर इस दिन निबंध, कविता, लेखन आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं।

78 फीसद लोग हिंदी बोलते और समझते हैंः भारत में 14 सितंबर 1953 को आधिकारिक रूप से पहला हिंदी दिवस मनाया गया। भारत में एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में लगभग 60 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं। इनमें से लगभग 45 करोड़ लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा मानते हैं। देश के 78 फीसद लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं। 26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था।

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अकेले अमरीका में दस लाख बोलते हैं हिंदीः हिंदी, दुनिया के कई देशों में बोली जाती है। हिंदी नेपाल, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, फिजी, मारीशस, सुरीनाम, गुयाना, त्रिनिडाड, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अमेरिका और टोबैगो आदि देशों में बोली जाती है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में ही 10 लाख लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। अमेरिका और जर्मनी में तो कई बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में हिंदी भाषा मुख्य भाषा के रूप में पढ़ाई जा रही है।

हिंदी को अपना नाम फारसी शब्द हिंद से मिला है। इसका अर्थ है सिंध नदी की भूमि। हिंदी के लिए गर्व की बात है कि अवतार, बंगला, गुरु, जंगल, खाकी, कर्म, लूट, मंत्र, निर्वाण, पंच, पजामा, शरबत, शैंपू, ठग, आंधी और योग समेत तमाम शब्द को हिंदी से उधार लेकर अंग्रेजी में शामिल किया गया है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में अच्छा और नमस्कार जैसे कई हिंदी शब्द शामिल किए जा चुके हैं।

2020 में आक्सफोर्ड ने लिया आत्मनिर्भरता शब्दः देश की आजादी के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी देश की राजभाषा बनी थी। दक्षिण भारतीय राज्यों के विरोध के चलते अंग्रेजी को भी अगले 15 सालों तक के लिए राजभाषा बनाया गया।

उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज ने हिंदी शब्द आत्मनिर्भरता को साल 2020 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गया। कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कोविड-19 पैकेज की घोषणा की थी, उस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा था महामारी से निकलने के लिए हमें एक देश के तौर पर, एक समाज के तौर पर, अर्थव्यवस्था के तौर पर और स्वयं के तौर पर आत्मनिर्भर होना होगा। तभी से ही इस शब्द का चलन बढ़ गया और आम बोलचाल की भाषा में भी इस शब्द का अधिकाधिक इस्तेमाल होने लगा।

साल 2000 में आया पहला हिंदी पोर्टलः हिंदी का पहला वेब पोर्टल सन 2000 में अस्तित्व में आया। तबसे हिंदी ने इंटरनेट पर अपनी पहचान बनाना शुरू किया, जिसने तेज रफ्तार पकड़ ली है। हिंदी भाषा इतिहास पर पहला साहित्य एक फ्रांसीसी लेखक गार्सा द ताशी द्वारा लिखा गया था। सन 1977 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री उस समय के विदेश मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था। हिंदी भाषा आधुनिक आर्य भाषाओं में से एक है। साल 1881 में बिहार ने हिंदी को अपनी अधिकारिक राजभाषा के रूप में अपना लिया और आधिकारिक तौर पर है हिंदी भाषा को अपनाने वाला बिहार भारत का पहला राज्य बना।

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पूरी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा हिंदीः गुजरात के स्वामी दयानंद सरस्वती की हिंदी सेवा ऐतिहासिक है। उन्होंने अपना प्रसिद्ध ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश हिंदी में और अन्य पुस्तकें भी हिंदी में लिखकर हिंदी की सेवा की और हिंदी की महत्वता को स्वीकारा। कुल मिलाकर मौजूदा समय में हिंदी भाषा देश के दक्षिण से लेकर उत्तर तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक, हर जगह अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही है। मौजूदा समय में हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हम उम्मीद करते हैं कि हिंदी भाषा जल्दी ही संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख आधिकारिक भाषाओं में जगह पाएगी और यह हम सब के लिए अत्यंत गौरव का विषय होगा।

मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश से लेकर विदेश में भी हिंदी भाषा में ही अपना भाषण देते हैं इससे हिंदी दिन दूना रात चौगुना उन्नति कर रही है। आने वाले समय में हिंदी नए आयाम और नया इतिहास बनाएगी।

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