राजपथ नहीं अब कर्तव्य पथः PM Narendra Modi ने कहा- गुलामी के प्रतीक से मिली मुक्ति, देश को आगे ले जाएगा कर्तव्यपथ
नई दिल्ली (The live ink desk). गुरुवार की शाम रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने उद्घाटन किया। पीएम ने इंडिया गेट पर कभी जार्ज पंचम के लिए बनाई गई कैनोपी के नीचे हमारे नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। काले ग्रेनाइट से बनी नेताजी की प्रतिमा 28 फीट ऊंची है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट (India Gate) के बीच कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) को भी देश को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 15 किलोमीटर लंबे सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) का भी शुभारंभ किया।
गुलामी की प्रतीकों से मुक्त हुए कर्तव्य पथ को ऐतिहासिक करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, अब यहां से देश का नया भविष्य नजर आएगा। नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, यदि उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास किया गया होता तो आज भारत की तस्वीर कुछ और होती। औपनिवेशिक दास्तां के प्रतीक अब इतिहास बन गए हैं। यह बदलाव सिर्फ प्रतीकों का नहीं है, बल्कि नये भारत के सृजन का है। यहां से भारत का नया अक्स दिखाई देगा।
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राजपथ को कर्तव्य पथ किए जाने पर कहा, यह रास्ता अब पूरे देश को प्रेरणा देखा। कहा, जार्ज पंचम की मूर्ति को हटाकर विश्व के सर्वमान्य नेताजी की मूर्ति को स्थापित करना गुलामी के मानसिकता का त्याग करने का सबसे ब़ड़ा उदाहरण है। बीते आठ वर्षों में भारत गुलामी के कई प्रतीकों से मुक्ति पा चुका है। कहा, कर्तव्यपथ केवल ईंट-पत्थर का रास्ताभर नहीं है, यह लोकतांत्रिक देश भारत का गौरव है, यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
कहा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 1947 से भी पहले अंडमान को आजाद कराकर वहां तिरंगा फहराया था। उनके प्रतीकों को विस्मृत कर दिया गया। उनकी स्वीकार्यता पूरे विश्व में थी। पूरा विश्व उन्हे अपना मार्गदर्शक मानता था। उनके दर अटूट साहस, स्वाभिमान भरा था। यदि, भारत उनके बताए मार्ग पर चलता होता तो आज भारत की तस्वीर और तकदीर कुछ और ही होती।
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मूर्ति के लिए तेलंगाना से लाया गया पत्थरः कर्तव्य पथ पर स्थापित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा को बनाने के लिए तेलंगाना से विशेष काले ग्रेनाइट का पत्थर दिल्ली लाया गया था। 28 फीट ऊंची यह मूर्ति वन पीस पत्थर से बनी है। यह पत्थर 280 टन है। देश की राजधानी में देश के कुशल कलाकारों ने नेताजी की प्रतिमा को आकार दिया। अब यह प्रतिमा इंडिया गेट पर आनेवाले लोगों का मार्गदर्शन करेगी। बतातेत चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी की 3डी प्रतिमा का अनावरण बीते जनवरी में किया था और घोषणा की थी कि यहां पर नेताजी की वास्तविक प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने श्रमजीवियों से की मुलाकातः प्रधानमंत्री ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का नया रंग-रूप देने वाले श्रमजीवियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, भारत, आईएनएस विक्रांत बनाने वालेश्रमिकों से लेकर काशी विश्वनाथ और प्रयागराज के महाकुंभ में सेवा देने वाले श्रमजीवियों का ऋणी है। सभी श्रमजीवी सम्मान के पात्र हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी श्रमजीवियों बात करते हुए 26 जनवरी की परेड पर आमंत्रित करने का वादा किया। बताते चलें कि काशी विश्वनाथ कारीडोर के उद्घाटन के मौके पर पीएम ने श्रमजीवियों के बीच जाकर उनसे मुलाकात की थी, जबकि प्रयागराज में श्रमजीवियों के चरण धुले थे।