कॉर्पोरेट जगत में इंनोवेटिव थिंकिंग अनिवार्य: प्रो. वीना त्रिपाठी
टीएमयू सीआरसी के निदेशक विनीत नेहरा बोले, गेस्ट लेक्चर की सीरीज में यह दूसरा व्याख्यान
मुरादाबाद (the live ink desk). सीनियर कॉर्पोरेट ट्रेनर एवं डिज़ाइन थिंकिंग एक्सपर्ट डॉ. वीना त्रिपाठी बोलीं, क्रिएटिव थिंकिंग समय की दरकार है। युवा इसे आत्मसात करें, ताकि वैश्विक बाज़ार के मुताबिक़ हम नए उत्पाद तैयार कर सकें। हकीकत यह है, युवाओं को मौजूदा वक़्त से पांच साल आगे की सोच विकसित करनी होगी। क्रिएटिव कॉन्फिडेंस: मूव फ्रॉम कांसेप्ट टू कोड थीम पर प्रो. त्रिपाठी ने बोलते हुए कहा, डिज़ाइन थिंकिंग का उपयोग हम दैनिक जीवन में बहुत सारी चीजों को अपडेट करने में कर सकते हैं। यदि आप में डर घर कर गया है, तो क्रिएटिव थिंकिंग सरीखे औज़ार से आप उसे दूर भगा सकते हैं। आपकी सोच में भय सबसे बड़ा रोड़ा है।
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उन्होंने तमाम उदाहरण देते हुए कहा, कॉर्पोरेट जगत में इंनोवेटिव थिंकिंग अनिवार्य है। जापान की बुलेट ट्रेन का उदाहरण देते हुए समझाया, जापानी सरकार ने बुलेट ट्रेन को अप्रूवल नहीं दिया, क्योंकि जब बुलेट ट्रेन गुफाओं से गुजरेगी तो अत्याधिक शोर के कारण वहां के पशु और पक्षियों के जीवन में व्यवधान उत्पन्न होने का अंदेशा था। बुलेट ट्रैन के प्रोजेक्ट हेड ने प्रबल संतुति की, बुलेट ट्रेन का डिज़ाइन चिड़िया की चोंच के मानिंद दिया जाए, जिससे बुलेट ट्रेन हवा को चीरते हुए बिना आवाज किए तेजी से निकल जाए।
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टीएमयू सीआरसी के निदेशक विनीत नेहरा ने बताया, गेस्ट लेक्चर की सीरीज में यह दूसरा व्याख्यान है, जबकि आज 17 सितंबर को यूनिवर्सिटी कैंपस में थर्ड गेस्ट लेक्चर होगा। इसमें कॉग्निटरेक्स कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मानस रंजन राउत, अक्सेलरेटिंग करियर इन फार्मा एंड लाइफसाइंस विद चेंजिंग मार्किट डायनामिक्स: पोस्ट कोविड इम्पैक्ट पर व्याख्यान देंगे। असिस्टेंट डायरेक्टर- सीआरसी सिद्धार्थ सिंह ने बताया, यूनिवर्सिटी में नामचीन अतिथियों के व्याख्यान की कार्ययोजना बना दी गई है। ये हस्तियां जल्दी-जल्दी हमारे स्टुडेंट्स से रूबरू होंगी। सीआरसी की ओर से आयोजित इस अतिथि व्याख्यान में शिरकत करने आईं डॉ. वीना त्रिपाठी का सीआरसी के असिस्टेंट डायरेक्टर आकाश भटनागर ने बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया। संचालन फैकल्टी विवेक बिड़ला ने किया।
इस गेस्ट लेक्चर में एमबीए, बीबीए औऱ बीकॉम के 200 से अधिक स्टुडेंट्स ने भाग लिया। डेढ़ घंटे चले इस गेस्ट लेक्चर में स्टुडेंट्स ने अतिथि से सवाल भी किए। उदाहरण के तौर पर डर को कैसे दूर भगाएं? इंटरव्यू औऱ जीडी के वक़्त क्रिएटिव थिंकिंग का इस्तेमाल कैसे किया जाए? नए प्रोडक्ट को बनाते वक़्त क्रिएटिव थिंकिंग कैसे मददगार होगी? प्रो. त्रिपाठी ने कहा, सजगता के चलते ही किसी भी उत्पाद में हजार बदलाव संभव हैं।
