प्रभावितों का जीवन स्तर फिर से पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास जारी। फिर से बनाए जाएंगे स्कूल-कालेज, मकान और सड़कें
The live ink desk. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वायनाड के भूस्खल प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। स्थानीय लोगों के घर जाकर मुलाकात की। अस्पताल में इलाजरत घायलों से मिले। राहत शिविर में शरण लिए लोगों के कंधे पर हाथ रख हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कहा, प्रभावित क्षेत्र को फिर से सजाया-संवारा जाएगा। वायनाड, लैंडस्लाइड
स्कूल-कालेज, मकान, सड़कें फिर से बनाई जाएंगी। केंद्र सरकार राहत कार्यों में सहयोग के लिए हरसंभव सहायता दे रही है और राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘हमारी प्रार्थनाएं वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के साथ हैं और केंद्र सरकार राहत कार्यों में सहयोग के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन देती है।’ प्रधानमंत्री ने शनिवार केरल के वायनाड में हवाई सर्वेक्षण के बाद भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया। प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की।
इसके पश्चात समीक्षा बैठक में केरल सरकार को आश्वस्त किया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार और देश आपदा प्रभावित पीड़ितों के साथ है। वायनाड में बचाव कार्यों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन निधि पहले ही जारी की जा चुकी है। शेष राशि भी तुरंत जारी कर दी जाएगी।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने में सक्षम समस्त केंद्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है। वे प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य पुलिस, स्थानीय चिकित्सा बल, एनजीओ और अन्य सेवाभावी संस्थाओं के कर्मियों की सराहना की, जिन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्र में तुरंत पहुंचकर राहत-बचाव अभियान चलाया।
मोदी ने खासकर उन बच्चों कीमदद के लिए नई दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है। पीएम ने वायनाड के लोगों को आश्वासन दिया कि देश और केंद्र सरकार इस क्षेत्र में आजीविका बहाल करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी, चाहे वह घर हों, स्कूल हों, सड़क अवसंरचना हो या बच्चों का भविष्य हो।
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