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हाथी भारतीय संस्कृति और इतिहास के अभिन्‍न अंगः प्रधानमंत्री

हाथियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे व्‍यापक सामुदायिक प्रयासों को प्रधानमंत्री ने सराहा

The live ink desk. आज (12 अगस्त, 2024) को पूरा विश्व हाथी दिवस मना रहा है। भारतीय संस्कृति में हाथी का धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि रत्नों के बंटवारे (समुद्र मंथन के पश्चात) के समय देवरात इंद्र ने दिव्यगुणों से युक्त हाथी को अपनी सवारी के लिए ले लिया था।

इसीलिए हाथी को हम इंद्रहस्ति अथवा इंद्रकुंजर नाम से भी जानते हैं। इसके अलावा हाथी को अभ्रमातंग, ऐरावण, अभ्रभूवल्लभ, श्वेतहस्ति, मल्लनाग, हस्तिमल्ल, सदादान, सुदामा, श्वेतकुंजर, गजाग्रणी और नागमल्ल के नाम से जाना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व हाथी दिवस पर हाथियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे व्‍यापक सामुदायिक प्रयासों की सराहना की है। मोदी ने हाथियों को ऐसे अनुकूल आवास उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जहां वे फल-फूल सकें।

प्रधानमंत्री ने हाथियों के मूल्‍य और हमारी संस्कृति और इतिहास में उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में हाथियों की संख्या में हुई वृद्धि की सराहना की।

नरेंद्र मोदी ने एक्स पर हाथी की चार फोटो शेयर करते हुए लिखा- “विश्व हाथी दिवसः हाथियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे व्‍यापक सामुदायिक प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। इसके साथ-साथ हम हाथियों को ऐसे अनुकूल आवास प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जहां वे फल-फूल सकें। भारत में हमारे लिए हाथी हमारी संस्कृति और इतिहास के अभिन्‍न अंग हैं। यह बड़ी खुशी की बात है कि पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या में वृद्धि हुई है।”

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