The live ink desk. ढाई साल से जारी रूस-यूक्रेन वार खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। शनिवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि सेना ने रूस के करसक (कुर्स्क) क्षेत्र में हमला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी सेना रूस के काफी अंदर तक घुस गई है।
रूस के एयरफील्ड को निशाना बनाया गया। इस हमले में रूस के कई सैन्य वाहनों तबाह हो गए हैं। हालांकि, हमले के बाद रूस की तरफ सेबयान जारी किया गया। कहा गया कि उसने (रूस) यूक्रेन के 75 से अधिक ड्रोन को मार गिराया है।
न्यूज वेबसाइट ‘कीव पोस्ट’ में इस हमले को लेकर जानकारी दी गई है। कीव पोस्ट के एक लेख में कहा गया है कि छह अगस्त को करसक (कुर्स्क) में शुरू हुआ यूक्रेन का जवाबी हमला पुतिन और उनके शासन के लिए व्यक्तिगत रूप से एक बड़ी शर्मिंदगी साबित हो रहा है। यह रूसी क्षेत्र पर कब्जा करने की गति को बढ़ाता जा रहा है।
एक समाचार एजेंसी को रूसी प्रांत कुर्स्क के गवर्नर एलेकसी स्मनोव ने बताया कि 75 हजार से अधिक लोग प्रभावित क्षेत्र को छोड़कर जा चुके हैं। यूक्रोन के हजार से ज्यादा सैनिक बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक के साथ कई गांवों पर कब्जा कर लिया है।
इस हमले के बाद से कुर्स्क प्रांत के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगा है। यह प्लांट हमले वाली जगह से 60 किमी के फासले पर है। इंटरनेशनल अटामिक एनर्जी एजेंसी के चीफ राफेल ग्रासी ने दोनों देशों से सावधानी बरतने की अपील की है।
सोशल मीडिया पर इस हमले को लेकर कई खबरें, वीडियो और फोटो शेयर किए जा रहे हैं। इन हमलों से बचाव और जवाबी कार्रवाई के लिए रूस ने कुर्स्क में हैवी आर्टिलरी भेजी है।
फिलहाल, यूक्रेनी सेना के रूस में दाखिल होने के बाद से ही कुर्स्क-ओब्लास्त प्रांत में इमरजेंसी लगा दी गई है। यूक्रेन ने रूस के लिपेत्स्क प्रांत में सीमा से 300 किमी दूर जिस एयरफील्ड पर हमला किया गया, यह रूसी फाइटर जेट्स, हेलीकाप्टर्स और ग्लाइड बम का बेस है।
इसी क्षेत्र में रूस की महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन मौजूद है। रूस इन पाइपलाइन के जरिए प्राकृतिक गैस की सप्लाई करता है।
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