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अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप दे देती तो सत्ता से बेदखल नहीं होना पड़ताः शेख हसीना

The live ink desk. बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, अमरीका को सेंट मार्टिन द्वीप नहीं देने के कारण उन्हे अपने ही देश से निर्वासित होना पड़ा। शेख हसीना के इस बयान केसामने आने के बाद अतंरराष्ट्रीय राजनीति में खलबली मची हुई है।

अंग्रेजी अखबार में शेख हसीना कहा, द्वीप नहीं देने के कारण उनके देश के खिलाफ साजिशें रची गईं और उनकी सरकार गिराई गई। हसीना ने कहा, मैं अपने देश के लोगों को कट्टरपंथियों के हाथों मरने नहीं देना चाहती थी। छात्रों को आगे कर सत्ता हथियाने वाले कुछ लोगों ताकतों ने अमेरिकी मदद से बांग्लादेश को हिंसा की आग में झोंका।

अपने ही देश से निर्वासित होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का यह पहला बयानहै। उन्होंने कहा कि, मैं चाहती तो सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिका को देकर अपनी सत्ता बचा सकती थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। देश में अस्थिरता लाने के लिए मेरे शब्दों का गलत इस्तेमाल किया गया। देश की जनता के भरोसे का कत्ल किया गया।

हिंदू परिवारों, मंदिरों पर लगातार हो रहे हमले

शेख हसीना के अपदस्थ होकर देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश लगातार हिंसा की आग में जल रहा है। हिंदू, मंदिरों, महिलाओं और बेटियों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुओं पर हमलेकी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अभी तक कुल 205 घटनाएं सामने आई हैं। यह हमले 52 जनपदों में हुए हैं, जबकि दो दिन पहले तक इन जिलों की संख्या 27 थी। भारतीय सीमा पर पलायन की खबरें आ रही हैं, जहां सेतमाम हिंदू भारत में दाखिल होने के लिए डेरालगाए हैं।

अंतरिम सरकार के मुखिया बनाए गए मोहम्मद यूनुस ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान हिंदुओं पर हमले का निंदा की। आंदोलनकारी छात्रों से कहा, छात्रों ने देश को बचाया, क्या वह अल्पसंख्यकों (हिंदू) की रक्षा नहीं कर सकते।

2021 में ही बांग्लादेश में उठा था यह मुद्दा

बताते चलें कि साल 2021 के जून महीने में बांग्लादेश की मीडिया में अमेरिका के द्वारा सेंट मार्टिन द्वीप के मांगे जाने की खबरें खूब प्रकाशित की गई थीं।अ खबारों मेंदावा किया गया था कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है, ताकि वह उस द्वीप पर मिलिट्री बेस स्टेबलिश कर सके। बांग्लादेश की वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष रसीद खान मेनन भी संसद में अमेरिका के  इस इरादे का जिक्र सदन में किया था।

अमेरिका क्वाड का मेंबर बनने के लिए भी दबावडाल रहाथा। बता दें कि बांग्लादेश के अधीन वाले सेंट मार्टिन द्वीप का कुल एरिया तीन वर्ग किलोमीटर है। बांग्लादेश से यह द्पीव महज पांच समुद्री मील की दूरी पर है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को दिया अल्टीमेटम

बताते चलेंकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन (Obaidul Hasan) ने सैद्धांतिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह फैसला आंदोलनकारी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद लिया। छात्रों के गुट ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर जमकर उत्पात किया। आंदोलनकारी छात्रों ने चीफ जस्टिर और अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीशों को रविवार को इस्तीफा देने का अल्टीमेटम जारी किया था।

छात्र आंदोलन के समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में कहा था कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो न्यायाधीशों के आवासों को घेरा जाएगा। चीफ जस्टिस हसन ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने बदलती परिस्थितियों के बीच इस्तीफा देने का फैसला लिया है।

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