The live ink desk. रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन ने दावा किया है कि उसकी सेना 1000 स्क्वायर किलोमीटर रूस के अंदर घुस गई है। दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की इस घटना को उकसावे वाली हरकत करार दिया है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को स्पष्ट आदेश देते हुए कहा है कि वह यूक्रेनी सेना को बाहर खदेड़े। फिलहाल, यूक्रेन की सेना कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद है। इसी क्षेत्र पर रूस और यूक्रेन की सेना के बीच बीते डेढ़ हफ्ते से जबरदस्त युद्ध चल रहा है।
समाचार एजेंसी राइटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के कमांडर अलेक्जेंडर सिसकी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को इसकी पूरी जानकारी दी है। माना जा रहा है कि उन्होंने एक वीडियो लिंक के द्वारा यूक्रेनी राष्ट्रपति को बताया कि रूस की जमीन पर चढ़ाई अभी जारी है।
कुर्स्क क्षेत्र में हुए हमले के बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ी तादाद में लोगों को पश्चिम रूसी क्षेत्र से निकाला जा चुका है। अभी 55 हजार और लोगों को यह क्षेत्र खाली करने को कहा गया है।
वहीं दूसरी तरफ कुर्स्क क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि हमले से प्रभावित क्षेत्र में तकरीबन 28 गांव हैं। जहां तक यूक्रेनी सेना पहुंची है। गवर्नर ने कहा, इस हमले में 12 रूसी नागरिक मारे गए हैं। हालात अभी बद से बद्तर बने हुए हैं।
गौरतलब है कि यूक्रेन की सेना ने बीते मंगलवार को रूस के भीतर घुसना शुरू किया था। इसी क्रम में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया है कि जो युद्ध उन्होंने यूक्रेन पर जबरदस्ती थोपा था। वही युद्ध मैं उन्हें वापस कर रहा हूं।
रूस और यूक्रेन के बीच यह युद्ध बीते ढाई साल से अनवरत जारी है। 23 अगस्त को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन जा सकते हैं। रूस और यूक्रेन में बड़े पैमाने पर गेहूं की पैदावार होती है। जो यह दोनों देश अफ्रीकन और यूरोपीय देशों को गेहूं निर्यात करते हैं, लेकिन युद्ध के कारण गेहूं के दाम आसमान छू रहे हैं। पूरी दुनिया में इसका असर है।
रूस प्राकृतिक गैस और तेल का बहुत बड़ा निर्यातक है। भारत को वह कोरोना काल से ही आधे दाम पर तेल सप्लाई कर रहा है। भारत वही तेल ऊंचे दामों पर अमेरिका यूरोप सहित अन्य देशों को दे रहा है और अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत कर रहा है।