The live ink desk. चरमपंथी संगठनों हमास और हिजबुल्लाह के द्वारा इजरायल पर अक्टूबर 2023 से लेकर अब तक किए गए हमलों को लेकर इजरायल (Israel) ने संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। इजरायल (Israel) के विदेश मंत्री यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अस्वीकार्य घोषित करते हुए उनके देश (Israel) में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इजरायल (Israel) के द्वारा यह फैसला ईरान के द्वारा की गई मिसाइलों के हमले (एक अक्टूबर, 2024) के बाद लिया गया। इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव भी बढ़ गया है। इजराय की तरफ से यह निर्णय इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया है।
इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा, गुटेरेस (यूएन के महासचिव) ईरानके द्वारा इजरायल पर हाल में किए गए हमलों और सात अक्टूबर, 2023 के हमलों (हमास का हमला) की कार्रवाइयों की निंदा करने में विफल रहे।
विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा, जो कोई भी स्पष्ट रूप से ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की निंदा नहीं कर सकता, वह इजरायल की धरती पर कदम रखने का अधिकारी भी नहीं है।
काट्ज ने स्पष्ट कहा कि एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के द्वारा की गई हिंसा और अत्याचारों की निंदा नहीं की और न ही इन समूहों (हमास, हिजबुल्लाह, हूथी आदि) के खिलाफ कोई ठोस रुख अपनाया।
निराशा व्यक्त करते हुए काट्ज ने कहा, गुटेरेस द्वारा आतंकवादी संगठनों की निंदा न करना और उनका समर्थन न करना संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता को धूमिल करता है। कहा, इज़राइल अपने नागरिकों की रक्षा करना और राष्ट्रीय गरिमा को बनाए रखना जारी रखेगा।
काट्ज ने यह भी लिखा कि एक महासचिव (एंटोनियो गुटेरेस) जो हमास, हिजबुल्लाह, हूथीस और अब ईरान, जो आतंकवादियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देता है, उसे संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक दाग के रूप में याद किया जाएगा।
गौरतलब है कि सात अक्टूबर, 2023 की सुबह फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमाश के द्वारा ताबड़तोड़ राकेट और जमीनी हमला कर इजरायल को दहला दिया था। इस दौरान महिलाओं, बच्चियों के साथ अत्याचार किए गए थे। सैकड़ों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से यह तनाव लगातार जारी है।
इधर, बीते एक अक्टूबर की देर रात इजरायल के द्वारा हिजबुल्लाह पर की जा रही कार्रवाइयों के जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इजरायल की ओर लगभग 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, इसके बाद अमेरिकी सैन्य बलों और इजरायली रक्षा बलों (IDF) के बीच समन्वित रक्षा प्रयास शुरू हो गए हैं। अमेरिकी नौसेना ने इजरायल की तरफ बढ़ने वाले किसी भी खतरे को रोकने केलिए अपने विध्वंसक तैनात किए हैं।