The live ink desk. सोमवार की रात डोडा के घने जंगलों में घात लगाकर किए गए हमले के बाद सेना का सर्च आपरेशन लगातार जारी है। बुधवार की रात व गुरुवार को भोर में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ हुई है। कश्तीगढ़ के जंगलों में हुई मुठभेड़ के बाद सेना हाई अलर्ट पर है। पूरे इलाके को घेर लिया गया है।
बताया गया कि कश्तीगढ़ के जद्दन बाटा गांव में बुधवार देर रात आतंकियों ने एक स्कूल के अस्थाई सुरक्षा शिविर पर फायरिंग की थी। इस मुठभेड़ दो जवानों के मामूली रूप से घायल होने की भी खबर है। सेना के सर्च आपरेशन और लगतार बढ़ते दबाव के कारण आतंकियों का समूह पहाड़ की ऊंचाई वाले स्थान से लगातार हमले कर रहा है। सेना को आतंकियों के बारे में इनपुट भी मिले हैं, जो डोडा के अलग-अलग स्थानों पर फैले हुए हैं।
बताते चलें कि बीते सोमवार की रात जम्मू (Jammu-Kashmir) के डोडा (Doda) जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सेना के एक अफसर और चार जवान शहीद हो गए। यह मुठभेड़ उस समय हुई, जब सुरक्षाबलों का दल डोडा के जंगलों में सर्च आपरेशन चला रहा था।
इसके बाद मंगलवार सुबह से ही डोडा के जंगलों में तलाशी अभियान जारी है। माना जा रहा है कि पहाड़ की सबसे ऊंची चोटियों पर विदेशी आतंकवादी छिपे हुए हैं। पाकिस्तानी आतंकवादियों की तलाश में भारतीय सेना हेलीकॉप्टर का प्रयोग कर रही है।
जम्मू में बीते 78 दिन के दरम्यान कुल 11 आतंकी हमले हो चुके हैं, इनमें 11 जवान शहीद हुए हैं। चार साल से एलओसी (LOC) पर सीजफायर बरकरार रहने और पीर पंजाल की पहाड़ियों के दक्षिणी ओर आतंकी हमले बढ़ने से खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, पीर पंजाल की पहाड़ियों के उत्तरी तरफ कश्मीर घाटी में आतंकवाद का लगभग सफाया होने के बाद अब सीमा पार से घुसपैठ के लिए दक्षिणी इलाके को नया रास्ता बनाया गया है। जम्मू कश्मीर के दक्षिणी पीर पंजाल के इलाके डोडा, पुंछ और राजौरी, किश्तवाड़ रियासी, कठुआ के पहाड़ी इलाके में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर आतंकी हमले हो रहे हैं।
आतंकवादी हमलों के बीच खुफिया रिपोर्ट में बताया गया था कि राजौरी और पुंछ सेक्टर में तीन दर्जन से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं और वे छोटी-छोटी टीमों में काम कर रहे हैं।