The live ink desk. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के डोडा (Doda) जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना का एक अफसर और चार जवान शहीद हो गए। यह मुठभेड़ उस समय हुई, जब सुरक्षाबलों का दल डोडा के जंगलों में सर्च आपरेशन चला रहा था। सोमवार की रात हुई इस मुठभेड़ में घायलों कोअस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान वीर जांबाजों ने वीरगति पाई।
जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों का दल इनपुट मिलने पर डेडा के उत्तर में एक तलाशी अभियान चला रहा था। रात लगभग नौ बजे आतंकवादियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान आतंकियों की गोली की चपेट में आकर एक अफसर और कई अन्य जवान घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां एक अफसर और चार जवानों का निधन हो गया।
आतंकियों से हुई मुठभेड़ के मद्देजनर सेना ने मौके पर अतिरिक्त फोर्स को डिप्लाय कर दिया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। सर्च आपरेशन जारी है। आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस मुठभेड़ के बाद बयान जारी कर कहा है कि सुरक्षाबलों ने जब सर्च आपरेशन शुरू किया तो फायरिंग की गई।
कश्मीर टाइगर्स पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का शैडो ग्रुप है। बीते नौ जुलाई, 2024 को कठुआ में सेना के वाहन पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी इसी संगठन नें ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोडा में आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। 14 जुलाई को ही कुपवाड़ा में एलओसी पर आतंकी घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम कर दिया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं मेंइजाफा देखने को मिल रहा है। नौ जून को जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उस समय आतंकियों ने रियासी में तीर्थयात्रियों की बस को निशाना बनाया था।आतंकियों के हमले में चालक को गोली लगी और बस खाई में गिर गई थी, जिसमें नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
आतंकियों के द्वारा से 9 से 11 जून के बीच चार हमले किए गए है। इसके बाद जुलाई महीने की शुरुआत में, आठ जुलाई को कठुआ के बदनोटा इलाके में सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे। यह पांचों जवान उत्तराखंड के थे।