जौनपुर. 13 मई, 2024 को शाहगंज थाना क्षेत्र के इमरानगंज, सबरहद मोड़ पर की गई पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के शूटर को गिरफ्तार किया है। धरा गया इनामिया शूटर ने पूरी घटना खोलकर रख दी। हत्यारोपी ने बताया कि पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या की सुपारी सिकंदर आलम ने दस लाख रुपये में प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस (पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामिया) को दी थी, जिसमें से 50 हजार रुपये उसे मिले थे। शेष रकम बाकी है।
आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या में संतोष श्रीवास्तव की तहरीर पर चार नामजद व अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मामले में नामजद हत्यारोपी जमीरूद्दीन पुत्र स्व. हनीफ कुरैशी (निवासी ग्राम सबरहद, शाहगंज) को पडघा पुलिस स्टेशन, महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर 21 मई को जेल भेजा गया। जांच आगे बढ़ी तो साजिशकर्ता मोहम्मद हाशिम पुत्र वाहिद (निवासी ग्राम रसूलपुर, सबरहद, शाहगंज), जो वर्ष 2022 में ग्राम सबरहद में हुई हत्या के मामले में पहले से जेल में है, रिमांड पर लिया गया।
इसी दरम्यान दो दिन पहले पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या का मुख्य शूटर (गोली मारने वाला) पूर्वांचल का अंतरप्रांतीय कुख्यात अपराधी प्रशांत उर्फ प्रिंस सिहं पुत्र प्रेम नारायण सिंह (निवासी ग्राम नेवादा, ईश्वरी सिंह, सरायख्वाजा) जौनपुर में हुई एक मुठभेड़ में ढेर हो गया। प्रशांत के ऊपर हत्या, लूट, डकैती समेत कुल 39 मुकदमे दर्ज थे।
जांच में कुख्यात शूटर प्रशांत सिंह के सहयोगी गाड़ी चलाने वाले अपराधी नीतीश कुमार राय पुत्र सत्येंद्र राय (निवासी ग्राम बछउर, जियनपुर, आजमगढ़) का नाम आया। इस पर पुलिस ने सात मई को नीतीश कुमार राय को मलमल पुलिया, आजमगढ रोड से गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से चोरी की अपाचे बरामद हुई, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट पड़ी थी। यह बाइक अक्टूबर, 2022 में सोनभद्र से चुराई गई थी।
जेल में बंद हासिम ने करवाई थी बातचीत
गिरफ्त में आए नीतीश राय ने बताया कि 13 मई, 2024 को इमरानगंज बाजार में पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या इसी गाडी से की थी। प्रशांत भी साथ में था। सबरहद मोड़ पर 9 एमएम की पिस्टल से वारदात को अंजाम दिया गया था। प्रशांत सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। नीतीश कुख्यात शूटर प्रशांत के घर शोक व्यक्त करने जा रहा था, इसी दरम्यानपुलिस ने उसे दबोच लिया।
बताया कि आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या की सुपारी प्रशांत सिंह ने सिकंदर आलम से ली थी। सिकंदर आलम से 10 लाख रुपये में बात तय हुई थी। उसमें 50 हजार रुपये नीतीश को भी मिला था। सिकंदर आलम का एक दोस्त मोहम्मद हासिम, जो जेल में बंद है, उसी के माध्यम से इस हत्याकांड की साजिश रची गई थी।
पत्नी को ब्लाक प्रमुख बनाना चाहता था प्रशांत
नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि उसने और पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ प्रशांत सिंह ने एक साथ पत्रकार आशुतोष का पीछा किया था। घटना वाली जगह पर एक बच्चा भी था, जिसे प्रशांत ने पिस्टल दिखाकर भगा दिया था। आशुतोष की हत्या प्लाटिंग के विवाद में की गई थी। पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ प्रशांत सिंह अपनी पत्नी को ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़वाना चाहता था, लेकिन उसकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ठाकुर, ज्ञान प्रकाश सिंह, नीरज कनौजिया, राकेश कुमार गुप्ता आदि शामिल रहे।