दिवंगत अधिवक्ताओं के 577 आश्रितों के परिवारों को दिए 28.31 करोड़
लखनऊ. संसदीय लोकतंत्र समन्वय और आपसी सूझबूझ से चलने का संदेश देता है। ऐसा समन्वय, जहां लोकहित व राष्ट्रहित सर्वोपरि हो। जब यह हमारी प्राथमिकता में होते हैं, तो दोनों को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है। इसकी आधारशिला सुशासन से पड़ती है। सुशासन की आधारशिला रूल ऑफ लॉ से पड़ती है। रूल ऑफ लॉ समाज के हर व्यक्ति के लिए लक्ष्मण रेखा तय करती है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
रविवार को मुख्यमंत्री ने लोकभवन में अधिवक्ता कल्याण निधि की सहायता से दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को सहायता राशि प्रदान की। सीएम ने कहा, 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था, लेकिन नरेंद्र मोदी के आने के बाद इस तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यदि 2047 तक देश को विकसित भारत बनाना है और हर भारतवासी के चेहरे पर खुशहाली लानी है, उसके ईज ऑफ लिविंग को बेहतरीन करना है तो हमें नागरिक कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी होगी।
56 लाख आवास और एक करोड़ पात्रों को पेंशन
उन्होंने कहा, शासन के पास जब सोर्स ऑफ इनकम होंगे तो वेलफेयर के रास्ते अपने आप ही खुलते जाएंगे। बीते सात साल में 56 लाख निराश्रितों को आवास उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में एक करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें प्रतिमाह पेंशन स्कीम (वृद्धा, दिव्यांग और निराश्रित पेंशन) से जोड़ा गया है। बिना भेदभाव के पात्रता के आधार पर उन्हें यह सुविधा दी जा रही है। बहुत से अधिवक्ता ऐसे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं। उन्हें भी शासन की तरफ से इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश में 5.11 करोड़ लोगों को गोल्डन कार्ड जारी किया गया है। प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर उपलब्ध करा रहे हैं।
100 पुरानी बस्तियों को नहीं था वोटिंग का अधिकार
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूबे में 54 ऐसी बस्तियां थीं, जिन्हे 100 साल पहले बसाया गया था, लेकिन 2017 तक वहां के लोगों को वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जा सका था। उनके पास राशनकार्ड तक नहीं था। वह खानाबदोश की तरह जीवन काट रहे थे। देश की संसद में उनके लिए 2007-2008 में अधिनियम बना, लेकिन यूपी में उसे पारित होने में और 10 साल लगे। 2017 में 54 बस्तियों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया गया और सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया गया।
कार्पस फंड को बढ़ाकर 500 करोड़ किया गया
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कार्पस फंड की धनराशि 200 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर इसमें और इजाफा किया जाएगा। इसके ब्याज से ही अधिवक्ताओं को कोई समस्या नहीं होगी। मृतक अधिवक्ता के आश्रित के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख की गई। आयु भी 60 से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई। अब तक कुल 134 करोड़, 32 लाख रुपये से अधिक धनराशि उपलब्ध कराई गई।
577 आश्रितों के परिवारों को दिए 28.31 करोड़
सीएम ने बताया कि 2017-18 से अब तक 2754 दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को 134 करोड़, 32 लाख, 50 हजार की राशि उपलब्ध कराई गई है। आज 577 अधिवक्ताओं के परिजनों को 28 करोड़ 31 लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। 12 आश्रित ऐसे हैं, जिन्हें 50 हजार रुपये व 565 आश्रितों को पांच-पांच लाख उपलब्ध कराया गया है। 3758 युवा अधिवक्ताओं को तीन वर्ष तक के लिए पुस्तक-पत्रिका खरीदने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
हाईकोर्ट में 608 करोड़ से बन रहा अधिवक्ता चैंबर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अधिवक्ताओं को चैंबर के लिए धनराशि उपलब्ध कराई है। इसमें झांसी, सुल्तानपुर, वाराणसी, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बलरामपुर, गोरखपुर, कासगंज, लखनऊ, मेरठ, श्रावस्ती समेत अन्य जिले शामिल हैं। हाईकोर्ट में 10,000 अधिवक्ताओं के लिए 608 करोड़ की लागत से चैंबर बनाया जा रहा है। इसके साथ ही चैंबर व मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण हो रहा है। उनके लिए सरकार ने 608 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का शुभारंभ 16 फरवरी को हो चुका है।