अवधइवेंटकुम्भ 2024ताज़ा खबरपश्चिमांचलपूर्वांचलबुंदेलखंडभारतराज्य

महाकुंभ 2025 के लिए भारतीय रेल तैयार, संगमनगरी से रोजाना चलेंगी 140 गाड़ियां

अयोध्या और वाराणसी के लिए स्पेशल सुविधा, महाकुंभ के लिए 992 रेलगाड़ियों का होगा संचालन, 2019 के कुंभ में 695 गाड़ियों का हुआ था संचालन

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). अगले वर्ष यानी 2025 के जनवरी-फरवरी माह में विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेले का आयोजन संगमनगरी प्रयाग में होना जा रहा है। इस आयोजन को दिव्य बनाने के लिए योगी सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी पूरी तन्मयता के साथ डटी हुई है।

संगमनगरी में श्रद्धालुओं का आने और जाने से लेकर संगम क्षेत्र में व्यवस्थाओं का आकार दिया जा रहा है। भारतीय रेल भी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए डबल तैयारी कर रहा है। 2019 के कुंभ मेले में रेलवे के द्वारा 695 रेलगाड़ियों का संचालन किया गया था तो इस बार रेलवे 992 रेलगाड़ियां चलाने जा रहा है।

प्रयागराज की पावन धरा पर कुंभ मेले का आयोजन जनवरी-फरवरी 2025 में होगा। यह महाकुंभ कुल 45 दिनों का होगा, जिसमें प्रथम मुख्य स्नान पौष पूर्णिमा का 13 जनवरी, 2025 का पड़ रहा है। जबकि दूसरा मकर संक्रांति का 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है। मौनी अमावस्या पर पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है।

अगला स्नान पर्व वसंत पंचमी तीन फरवरी को, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ कुंभ मेले का समापन होगा। पूरे मेले केअलावा विशेष तिथियों में श्रद्धालुओं के आने और उन्हे सकुशल वापस ले जाने के लिए यूपीएसआरटीसी 7000 बसों का संचालन करेगा।

इसी तरह भारतीय रेल के द्वारा 992 (2019 के कुंभ में 695) ट्रेन का संचालन करने जा रहा है। भारतीय रेल ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बैठक की। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने तैयारियों का जायजा लेते हुए तैयारियों की जानकारी एक्स पर साझा की।

भारतीय रेल के मुताबिक, कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज क्षेत्र से रोजाना 140 रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। इसमें दो रूट वाराणसी और अयोध्या प्रमुख हैं। प्रयागराज से अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और फिर इसी रूट से ट्रेनों की वापसी होगी। इन स्पेशल गाड़ियों के लिए 174 रैक डिजाइन किए गए हैं। यह सामान्य कोच की अपेक्षा अधिक लंबाई वाले हैं। डेली चलने वाली मेमू और डेमू गाड़ियां 16 कोच की होंगी, जबकि सामान्य डिजाइन के 20 कोच वाली गाड़ियों का संचालन किया जाएगा।

नवंबर तक पूरा हो जाएगा दोहरीकरण

भारतीय रेलवे के मुताबिक 2019 के कुंभ में रेगुलर ट्रेन की संख्या जहां 5000 थी, वहीं इस आयोजन में यह संख्या बढ़कर 6580 हो जाएगी। रेलगाड़ियों के बढ़े हुए ट्रैफिक व लोड को संभालने के लिए रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। प्रयागराज से वाराणसी (वाया झूंसी) को जाने वाली लाइन पर झूंसी तक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। झूंसी से रामबाग और जंघई-फाफामऊ रेल खंड पर नवंबर 2024 तक दोहरीकरण (कुल लागत 3700 करोड़ रुपये) का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

DFC और ROB के बनने से बड़ी राहत

इस बार रेलगाड़ियों के रूट में मालगाड़ियों का कोई झमेला नहीं रहेगा, क्योंकि मालगाड़ियों के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर (Dedicated Freight Corridor, DFC) का कार्य पूरा हो गया है और दिल्ली-हावड़ा रेल खंड पर पूरी तरह से सवारी गाड़ियों का ही आवागमन रहेगा। इसके अलावा 21 आरओबी/आरयूबी पर 440 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इनके बन जाने से रेल और सड़क मार्ग पर ट्रैफिक जाम का लफड़ा भी खत्म हो जाएगा।

यात्री सुविधाओं पर खर्च हो रहे 495 करोड़ इसके अलावा यात्री सुविधाओं पर 495 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई जा रही है, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्थान होने पाए। टिकट काउंटर की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा। यात्री शेड, सीसीटीवी, पेयजल, हास्पिटल, रेलवे परिसर की बाउंड्री निर्माण और रेल कर्मियों के ठहरने के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं। यह कार्य और व्यवस्थाएं रेलवे के तीन जोन में बढ़ाई जा रही हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button