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महाकुंभ-2025: बच्चों की सुरक्षा पर NCPCRने किया मंथन, बनाई रणनीति

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने महाकुंभ मेला- 2025 के लिए बाल-अनुकूल उपायों के कार्यान्वयन की रणनीति बनाने और चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की।

एनसीपीसीआर (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ मेले (Mahakumbh Mela) के दौरान उठाए जाने वाले प्रमुख कदमों पर जानकारी दी। बाल मित्रवत मेला बनाने और बच्चों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन के लिए शून्य सहनशीलता सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश भी साझा किए गए और उन पर चर्चा की गई। एडीएम और मेला प्राधिकरण द्वारा महाकुंभ मेले की तैयारियों पर एक प्रस्तुति दी गई।

प्रियंक कानूनगो ने महाकुंभ मेले में बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने, इसे विश्व का सबसे बड़ा बाल हितैषी आयोजन बनाने के लिए प्रयास करने के लिए सभी को प्रेरित किया, जिससे पूरी दुनिया में बाल संरक्षण की दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का संदेश जाएगा और हम विश्व को बता पाएंगे कि भारत अपने बच्चों की चिंता समेकित रूप से करता है।

उन्होंने महाकुंभ मेला-2025 (Mahakumbh-2025) में भाग लेने वाले बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पिछले आयोजनों की सफलताओं और कमियों पर प्रकाश डालते हुए NCPCR अध्यक्ष ने व्यापक सुरक्षा प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन पर चर्चा की।

प्रियंक कानूनगो ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 51 के अनुसार उपयुक्त सुविधा घोषित करने और बाल कल्याण समितियों की बैठक सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। कहा कि स्टॉल आवंटन के समय दुकानदारों से बाल श्रम न करने का शपथ पत्र लिया जाए।

उज्जैन, हरिद्वार में नहीं खोया एक भी बच्चा

बैठक के एजेंडे में पिछले महाकुंभ मेले के दौरान किए गए उपायों की समीक्षा की गई। बताया गया कि पूर्व में उज्जैन और हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेलों में बाल अधिकार संरक्षण उपायों के चलते एक भी बच्चा नहीं खोया, जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त सफलताओं और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

तस्करों के खिलाफ कठोर कदम पर मंथन

इस दौरान मजबूत बाल सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने, बाल-अनुकूल क्षेत्र, खोया-पाया केंद्र और बच्चों के लिए समर्पित सहायता डेस्क स्थापित करने, कैमरे लगाने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे तकनीकी सॉफ़्टवेयर का लाभ उठाने, पहले से ही दोषी ठहराए जा चुके तस्करों की पहचान करने पर चर्चा हुई।

जागरुकता अभियान चलाने पर बनी सहमति

बाल चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवा इकाइयों की योजनाओं पर राय रखी गई। सुरक्षा, स्वच्छता और आपातकालीन प्रोटोकॉल के बारे में माता-पिता और बच्चों दोनों को लक्षित करके जागरूकता अभियान चलाने पर विचार-विमर्श किया गया, बैठक में निर्णय लिया गया कि एसडीएमए, सीडब्ल्यूपीओ के स्वयंसेवकों के लिए एक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

महाकुंभ से पहले कुंभ सम्मेलन का आयोजन

इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक सौरभ पांडेय ने महाकुंभ-2025 से पहले होने जा रहे तीसरे कुंभ सम्मेलन 2024-25 की जानकारी दी। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और अन्य साझेदार विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया जा रहा है। कुंभ सम्मेलन से पहले और महाकुंभ के दौरान पूरे भारत में 24 पूर्ववर्ती गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे।

सम्मेलन का अकादमिक भागीदार होगा NCPCR

एनसीपीसीआर (NCPCR) इस सम्मेलन का अकादमिक भागीदार होगा। प्रयागराज के दफ्तर में हुई बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, सचिव समेत संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), NDRF, मेला प्राधिकरण, बाल आयोग, पर्यटन विभाग, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस, स्वास्थ्य, श्रम, राहत आयुक्त, बाल कल्याण समिति के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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