चेहल्लुम इमाम हुसैन के दिन क़रीब आते ही बढ़ा मजलिस, मातम और शब्बेदारी का सिलसिला
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). माहे सफर के दस रोज़ मुकम्मल हो गए हैं, अब नौ दिन बाद हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाया जायगा। ऐसे में अरबईन के अशरे भी लगातार हो रहे हैं। शब्बेदारी व जुलूस निकाले जा रहे हैं। इसी क्रम में करेली अज़ाखाना इतरत नक़वी से क़दीम अशरा-ए-मजालिस के आखिरी दिन जुलूस-ए-अज़ा निकाला गया। शाहिद साहब ने पेशख्वानी तो ज़ाकिरे अहलेबैत नजमुल हसन मीसम साहब ने मजलिस को खेताब किया।
अनीस जायसी के संचालन में अंजुमन शब्बीरिया, अंजुमन मज़लूमिया, अंजुमन अब्बासिया व अंजुमन गुंचा-ए-क़ासिमया के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला, जो अपने परंपरागत मार्गों पर गश्त करते हुए पुनः अज़ाखाना इतरत नक़वी पर संपन्न हुआ। ताबूत इमाम हुसैन व ग़ाज़ी अब्बास का अलम भी ज़ियारत को निकाला गया, जिस पर अकीदतमंदों ने रास्ते भर फूल-माला चढ़ाकर मन्नत व मुरादें मांगी।
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हैदर अब्बास, ज़ैग़म अब्बास, दरियाबाद पार्षद फसाहत हुसैन, असग़र अली, सैय्यद मोहम्मद अस्करी,पार्षद नफीस अनवर, मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन, ज़ुलक़रनैन आब्दी, रिज़वान जव्वादी, हसन हैदर, हैदर अली, ज़ैग़म अब्बास, लख्ते असग़र, महमूद अब्बास, बाशू भाई, नजमुल हुसैन, बाक़र मेंहदी, आग़ा अली क़ासिम, मुन्ना, जाफर मेंहदी आदि शामिल रहे।
वहीं दरियाबाद इमामबाड़ा अरब अली खाँ में तूराब हैदर बाबू के द्वारा इयोजित अशरा-ए-मजालिस के अंतिम दिन नज़र अब्बास खाँ की सोज़ख्वानी से मजलिस का आग़ाज़ हुआ। ज़ाकिरे अहलेबैत मौलाना अशरफ अब्बास साहब ने मजलिस को खेताब किया। अंजुमन हाशिमया के नौहाख्वानों सफदर अब्बास डेज़ी, यासिर सिबतैन, ज़िया अब्बास अर्शी आदि ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। मजलिस के बाद तुराब हैदर की ओर से नज़रे शोहदा-ए-करबला व असीराने करबला में बड़ी संख्या में अक़ीदतमंद जुटे और दस्तरख्वान पर बैठकर नज़रे मौला चखी।
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आयोजन में तय्याबैन आब्दी, अरशद नक़वी, ज़ुलक़रनैन आब्दी, हैदर अब्बास, अब्बास, भय्या, वसफी, ज़ामिन, आसिफ, क़ायम रज़ा, रिज़वान आदि शामिल हुए। बख्शी बाज़ार मस्जिद क़ाज़ी साहब में बाद नमाज़ मग़रिब मीसम रिज़वी करारवी की ओर से सालाना मजलिस आयोजित की गई, जिसे मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी साहब क़िबला ने संबोधित किया। यह जानकारी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने दी।