जिला प्रशासन की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन
प्रतापगढ़ (हरिश्चंद्र यादव). पिछले एक पखवारे से जनपद का तापमान 40 डिग्री के ऊपर चल रहा है। भीषण हीटवेव से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। हीटवेव से बचाव के लिए एडीएम (वित्त) त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया है कि पिछले 14 दिनों से तापमान 40 डिग्री के ऊपर बना हुआ है, जिससे लू का असर बना हुआ है। इस दौरान उन्होंने जनपदवासियों से लू से बचाव की अपील की है।
एडीएम ने कहा, हीटवेव सेबचने के लिए अधिक से अधिक पानी पीएं, प्यास न लगी हो तब भी पानी का सेवन करते रहें। हल्के रंग के वस्त्र पहनें, धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। खुले में कार्य करने वाले सिर, चेहरा, हाथ-पैर को गीले कपड़े से ढकककर रखें और छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लेटाकर सूती गीले कपड़े से पोछें अथवा नहलाएं और चिकित्सक से संपर्क करें।
जब भी यात्रा पर जाएं, पीने का पानी साथ ले जाएं। ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। हीटस्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें। यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। अपने घर को ठंडा रखें। पर्दे- दरवाजे आदि का उपयोग करें।
शाम/रात के समय घर और कमरों को ठंडा करने के लिए खोल दें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें। कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी का प्रबंध रखें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचाएं। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि और आवृत्ति को बढ़ाएं। गर्भस्थ महिला कर्मियों और रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने बताया है कि जानवरों एवं बच्चों को कभी भी बंद/खड़ी गाड़ियों में अकेला न छोड़े। दोपहर 12 से अपरान्ह तीन बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर के निचली मंजिल पर रहें। गहरे रंग के भारी और तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें। अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं संक्रमित खाद्य एवं पेय पदार्थो का प्रयोग न करें। अल्कोहल, चाय व काफी पीने से परहेज करें।
हीट स्ट्रोक के लक्षण के संबंध में बताया है कि गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मितली, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, पेशाब न होना अथवा इसमें कमी है। हीट स्ट्रोक लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर में उच्च तापमान में शरीर के आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है और शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न करता है।
जलेसरगंज में एक व्यक्ति की मौत
दूसरी तरफ जलेसरगंज के रहने वाले इस्माइल दरबेस की गुरुवार को मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक इस्माइल बैंडबाजे का कार्य करते थे। वह मेले में शामिल होने के लिए बहराइच गए थे। दोपहर केवक्त वहीं पर उनकी तबियत खराब हुई। प्राथमिक उपचार के बाद इस्माइल को जिला अस्पताल बहराइच ले जाया गया, जहां डाक्टरों नेअत्यधिक बुखार के कारण ब्रेन की नस फटने की शिकायत बताई और लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। इस्माइल को लखनऊ ले जाया जा रहा था, पर बचाया जा नहीं जा सका। मिलनसार इस्माइल के निधन की खबर जैसे ही जलेसरगंज पहुंची, हर कोई हतप्रभ रह गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।