डूबने से मौत, अपंग होने, मकान-फसल के नुकसान पर सरकार देती है मदद
भदोही (संजय सिंह). बरसात के सीजन में नदियों, तालाबों अथवा अन्य जलस्त्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। ग्राम प्रधान और अभिभावक इसका विशेष ध्यान रखें। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष-जिलाधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि डूबने से होने वाली जनहानि को प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021 में राज्य आपदा घोषित किया गया है।
प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा डूबने से होने वाली जनहानियों को कम करनेके लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। डूबने से बचाव के लिए यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें एवं गहराई का ध्यान रखें।
ओवरलोडेड नौका में न बैठें। कोशिश करें किसी नदी, पोखर, तालाब या जलस्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती/साड़ी अवश्य रखें।
नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लगाए गए चेतावनी बोर्ड की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जलस्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जलस्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करें, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।
डूबने से मौत पर चार लाख रुपये की मदद
इस तरह की घटना (मृत्यु होने पर) के होने पर सहायता राहत राशि चार लाख रुपये (पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अनिवार्य), शारीरिक दिव्यांग होने पर 74000 से 2.5 लाख, मकान की क्षति होने पर 4000 से 1.2 लाख, पशु की मृत्यु होने पर 4000 से 37500, फसल की क्षति होने पर 8500 से 22,500 की धनराशि देय है।
ग्राम प्रधान और नागरिक रखें पूरा ध्यान जिलाधिकारी ने सभी ग्राम प्रधानों एवं नागरिकों से अपील की है कि नदियों, तालाबों अथवा अन्य जलस्त्रोतों के पास बच्चों को न जाने दें। जलस्त्रोतों में डूबने के कारण जनहानि होती है। इसलिए सतर्कता बरतने और जागरुकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करें। बताया कि अगर किसी प्रकार की घटना घटित होती है तो 108 एम्बुलेंस, 112 पुलिस सहायता एवं 1070 राहत आपदा कंट्रोल रुम पर सूचना अवश्य दे।