पूर्वांचल

श्री नारायण का वांग्मय स्वरूप है भगवत गीताः प्रकाश शांडिल्य महाराज

भदोही (संजय मिश्र). विकास खंड डीघ के डगडगपुर गांव में पंडित हरिशंकर तिवारी के यहां आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक प्रकाश शांडिल्य महराज ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। कृष्ण जन्म के प्रसंग पर प्रकाश शांडिल्य महराज (Prakash Shandilya Maharaj) ने कहा, जब अधर्म चरम पर पहुंच जाता है, तब नारायण धरती पर अवतार लेकर अधर्म का नाश करते हैं और धर्म की स्थापना करते हैं।

कथा पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की मनमोहक झांकी सजाई गई। शांडिल्य महाराज ने समसामयिक विषय पर गृहस्थों से कहा कि घर में तुलसी, गौ, गीता (Bhagvat Gita) अवश्य रखें, क्योंकि इनके रहने से घर में ईश्वर की उपस्थिति हो जाती है। घर में गीता (Bhagvat Gita) का नित्य पाठन हो, क्योंकि श्री नारायण का वांग्मय स्वरूप है गीता। इस अवसर पर कथा श्रवण करने वालों में प्रमुख रूप से भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य एवं पूर्व सांसद भदोही पं. गोरखनाथ पांडेय, मुरलीधर मिश्र, जयप्रकाश दुबे, पप्पू तिवारी, राजेश दुबे, प्रेमशंकर मिश्र, अवधेश तिवारी, इंद्र तिवारी, विजय, सूर्यप्रकाश, शशि प्रकाश आदि मौजूद रहे।

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