2023 के अंत तक पहली उड़ान भरेगा आसमानी लड़ाका तेजस मार्क-2

नई दिल्ली (the live ink desk). तेजस का मतलब ही चमक होता है और हमारा स्वदेशी फाइटर जेट तेजस (Indigenous fighter jet Tejas) भी अपने नाम के अनुरूप पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेर रहा है। रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा निर्यातक देश अमेरिका (exporting country america) भी स्वदेशी तेजस में दिलचस्पी दिखा रहा है। तेजस अपनी श्रेणी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों (supersonic fighter aircraft) में सबसे छोटा और हल्का है। इसकी रफ्तार 2,205 किलोमीटर प्रति घंटा (2,205 kmph) है। मात्र 6500 किलो वजनी (6500 kg weight) इस भारतीय लड़ाके की रेंज 3000 किलोमीटर (Range 3000 kms) है।
देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने और तेजस को और सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार कई जरूरी कदम उठा रही है। वायु सेना (Indian Air Force) की क्षमता को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने स्वदेशी तेजस को विकसित करने की मंजूरी प्रदान कर दी है।
न्यूज आन एयर की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा मामलों से संबद्ध कैबिनेट समिति ने तेजस मार्क-2 परियोजना को मंजूरी दे दी है। सीसीएस ने प्रोटोटाइप के साथ तेजस मार्क-2 फाइटर जेट के डिजाइन, विकास और उड़ान परीक्षण (Design, development and flight testing) के लिए साढ़े छह हजार करोड़ रुपये (six thousand crore rupees) मंजूर किए गए हैं। यह धनराशि एचएएल को पहले दी गई 2500 करोड़ रुपये की धनराशि से अलग है।
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2023 के अंत तक पहली उड़ान भरेगा मार्क-2: आकार में बेहद छोटे और हल्के फाइटर जेट तेजस के नये संस्करण में कई बदलाव शामिल किए गे हैं, जो इसकी क्षमताओं में कई गुना बढ़ोत्तरी करेंगे। तेजस मार्क-2 में जीईएफ 414 शक्तिशाली इंजन लगाया गया है, जो इसकी रेंज का विस्तार करेगा और इसकी पेलोड क्षमता भी बढ़ जाएगी। दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में शामिल एलसीए तेजस मार्क-2 अगले साल 2023 के अंत तक पहली उड़ान भर सकता हैं और विकास का कार्य 2027 तक पूरा होगा। इसके बाद तेजस अटैक करने वाले हवाई लड़ाकों में शामिल हो जाएगा।
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मैक 2 की रफ्तार से चीरेगा नभ का सीना: एचएएल के मुताबिक तेजस मार्क-2 की अधिकतम रफ्तार मैक 2 यानी 3457 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसकी मारक रेंज 2500 किलोमीटर होगी। यह 56 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसके अलावा हवा से हवा में मार करने वाली सात मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली चार मिसाइलें, एक एंटी रेडिएशन मिसाइल, पांच बम लगाए जा सकेंगे। तेजस मार्क-2 में ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल भी लगाई जा सकती है। इसके अलावा मार्क-2 को निर्भय, स्टार्म शैडो, अस्त्र, मीटियोर, एसराम जैसी घातक मिसाइलें इसकी मारक क्षमता को और बढ़ा देंगी।
आधुनिक तकनीकों से लैस होगा तेजस मार्क-2: तेजस फाइटर जेट मार्क-2 अपने पुराने संस्करण से कई मायनों में बेहद अलग होगा। इसकी तकनीक भी काफी एडवांस होगी। इसमें वेपन कैरी करने के लिए नौ की जगह 11 हार्ड प्वाइंट्स लगाए गए हैं। इसके विंग मार्क-1 की तुलना में 30 सेंटीमीटर बड़े हैं। डेल्टा विंग वाले मार्क-2 में दोनों ओर कनॉट भी दिए गए हैं, जो आसमान इसकी क्षमताओं को बढ़ाएगा और दुश्मन के अटैक से सुरक्षा करेगा। तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमान वायुसेना में मिराज 2000 (Mirage 2000), जगुआर और मिग-29 (Jaguar and MiG-29) की जगह लेगा।