Carpet Expo Mart: 60 देशों से आएंगे विदेशी मेहमान, 80 प्रतिशत स्टाल फुल
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). कालीन के लिए विश्व प्रसिद्ध भदोही एक बार फिर अपने विदेशी मेहमानों के लिए तैयार हो रही है। 15 अक्टूबर से होने वाले चार दिनी अंतररास्ट्रीय कालीन मेले (कारपेट एक्सपो मार्ट) की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बुधवार तक 200 निर्यातकों के 80 फीसद स्टाल बुक हो चुके थे। पांच हफ्ते बाद होने वाले इस मेले 60 देशों से लगभग 350 से अधिक विदेशी खरीदारों के आने की पूरी उम्मीद है। इसमें मुख्य रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन कंट्री, बेल्जियम, ब्राजील, इजिप्ट, जर्मनी, इटली जैसे देश शामिल हैं।
उक्त आयोजन के लिए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में कारपेट एक्सपो मार्च की बैठक हुई। एक्सपो मार्ट में 43वें भारतीय कालीन मेले की जानकारी देते हुए सीईपीसी अध्यक्ष उमर हमीद ने बताया कि भदोही एक्सपो मार्ट में मेला आयोजन को लेकर हम सभी पदाधिकारी शुरु से ही प्रयासरत थे। खास यह की मेला के सफलता के लिए सीईपीसी के अलावा निर्यातकों का भी सहयोग सराहनीय है। अभी तक 200 निर्यातकों स्टाल बुक हो चुके हैं। इसमें 60 देशों के विदेशी खरीदारों के आने की पूरी उम्मीद है।
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बताया कि इस मेले का उद्देश्य विदेशी कालीन खरीदारों के लिए हाथ से बने कालीनों और अन्य फ्लोर कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है। इंडिया कारपेट एक्सपो अंतरराष्ट्रीय कालीन खरीदारों, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के मिलने और दीर्घकालिक व्यापार संबंध स्थापित करने के लिए एक आदर्श मंच है। इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जिसमें विदेशी कालीन खरीदारों को एक ही छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन और अन्य फ्लोर कवरिंग प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया जाता है।
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अध्यक्ष ने बताया कि कालीन खरीदारों के अनुसार किसी भी प्रकार के डिजाइन, रंग, गुणवत्ता और आकार को अपनाने में भारत की अनूठी क्षमता ने इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक घरेलू नाम बना दिया है। यह उद्योग भारत के विभिन्न बंदरगाहों जैसे ऊन रेशम, मानव निर्मित फाइबर जूट, कपास के विभिन्न मिश्रणों से विविध कच्चे माल का उपयोग करता है। इस उद्योग में उत्पादन और निर्यात दोनों में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं, कालीन उद्योग पर्यावरण के अनुकूल है तथा दुर्लभ और खराब होने वाले ऊर्जा संसाधनों का उपयोग नहीं करता है।
इस बैठक में बीडा के सीईओ संदीप कुमार, सीडीओ भानु प्रताप सिंह, सीईपीसी उपाध्यक्ष मुकेश कुमार गोमबर, पूर्व अध्यक्ष महावीर प्रताप शर्मा, एकमा के अध्यक्ष रजा खान, वासिफ अंसारी, सूर्यमणि तिवारी, फिरोज वजीरी, असलम महबूब, इम्तियाज अंसारी, श्रीराम मौर्य, दर्पण बरनवाल, रोहित गुप्ता, उपजिलाधकारी चंद्रशेखर, अधिशाषी अभियंता बीड़ा ओपी सिंह आदि मौजूद रहे।