स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- एमपॉक्स के संदिग्ध मामले की जांच चल रही है, मरीज को आइसोलेशन में रखा गया
The live ink desk. मंकी पाक्स (Mpox) प्रभावित देश की यात्रा कर भारत लौटे युवक में संक्रमण के लक्षण दिखे हैं। जानकारी होते ही उसे अलग अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा है। उसकी हालत में सुधार है। स्वास्थ्य मंत्रालय पूरे मामले की निगरानी कर रहा है।
एमपॉक्स (Mpox) की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। एमपाक्स की निगरानी और इलाज के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल के तहत संदिग्ध संक्रमित के बारे में औरजानकारी जुटाई जा रही है, ताकि समय रहते इसका प्रबंधन किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग की टीम संदिग्ध संक्रमित के संभावित स्रोत की पहचान करने में जुटी है, साथ ही देश के भीतर मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है।
कांगो में कहर मचा चुका है मंकीपाक्स
हालांकि, विभाग की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इससे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। बताते चलें कि अफ्रीकी देश कांगो में एमपाक्स ने कहर मचा रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तीन सप्ताह पहले ही कांगो में आपातकाल घोषित कर रखा है। इसके बाद एक-एक करके कई देश मंकीपाक्स के संक्रमण की चपेट में आए। अब तक पांच दर्जन से अधिक देश ऐसे हैं, जहां मंकीपाक्स (Mpox) का संक्रमण पहुंच चुका है।
1970 में पहली दफा मिले थे इंसानों में लक्षण
मंकीपाक्स (Mpox) के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। वर्ष 1970 में कांगो (DRC) में पहली बार इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे। ये इंसान में फैलने वाला पहला केस था। इसके पहले यह जानवरों तक सीमित था। इसके बाद यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में फैला। अफ्रीका के बाहर अमेरिका, इज़राइल, सिंगापुर में भी मंकीपाक्स के मामले देखे जा चुके हैं।
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