भदोही (संजय सिंह). भीषण गर्मी ने लोगों का जीना बेहाल कर दिया है। गर्मी के चलते लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। दोपहर के समय सड़कों पर ऐसा लगता है कि जैसे कर्फ्यू लगा हो। सड़कें लोगों से रिक्त हो जा रही है। लोग गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके रहते हैं। रविवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया।
इस बार तो गर्मी गजब की ही पड़ रही है। सुबह से ही पारा बढ़ना शुरू हो जा रहा है। ऐसे में दोपहर होते-होते पारा रविवार को तो 44 डिग्री पहुंच गया। दोपहर को हो रही चिलचिलाती धूप के कारण काफी कम संख्या में लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलें। जिसके चलते दोपहर के समय सड़कों पर कर्फ्यू जैसा नजारा देखने को मिला। हालांकि बहुत जरुरी काम होने के बाद ही लोग दोपहर के समय अपने घरों के बाहर निकलें।
भीषण गर्मी और तेज धूप के साथ ही साथ लू भी चल रही है, जो बहुत ही घातक साबित हो रही है। लू खास तौर पर बच्चों व बुजुर्गों के लिए मुसीबत से कुछ कम नहीं है। बच्चों और बुजुर्गो पर ही इसका सबसे ज्यादा और जल्दी असर करता है। इनमें लू लगने की सबसे अधिक संभावना रहती है।
चिकित्सकों के मुताबिक गर्मी में दोपहर के समय खासकर 12 से 4 बजे तक तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है। तेज गर्मी में धूप के सीधे संपर्क में आने से बच्चों में लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इस मौसम में अगर सावधानी से काम लिया जाए तो बीमारियों से खुद के साथ ही साथ बुजुर्गों और बच्चों को भी बचाया जा सकता है। चिकित्सकों ने बताया कि लूं लगने के लक्षणों में उल्टी-दस्त, शरीर तेज गर्म होना, आंखों का रंग पीला पड़ना व पेशाब पीला आना यह प्रमुख कारण है। इस दौरान भूख कम लगती है और शरीर में कमजोरी आ जाती है।
दोपहर में बाहर निकलने से करें परहेज
दोपहर में बाहर निकलने से करें परहेज चिकित्सक डा. एमके पटेल कहा कि तेज धूप को देखते हुए दोपहर के समय घर से बाहर न जाएं। अगर बहुत जरूरी हो तो शरीर को पूरी तरह से ढककर ही निकलें। कहीं भी जाने समय पानी की बोतल को अवश्य साथ में रखें। खूब पानी पीएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी के साथ ही ओआरएस का घोल, लस्सी, नारियल पानी, नींबू पानी, पना, बेल रस व गन्ने के रस का सेवन करें। खीरा और तरबूज का सेवन करते रहें। फिल्टर या उबालकर ही पानी पीएं। बाहरी खाने जैसे गोलगप्पे, चाट-पकौड़ी आदि का सेवन करने से परहेज करें।