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भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सबसे ऊपरः योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

लखनऊ. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। रविवार को एक संदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है। सनातन संस्कृति में ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु-शिष्य की सुदीर्घ परंपरा है।

सीएम ने कहा, बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त करना संभव नहीं है। गुरु के आशीर्वाद से ही सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस पूर्णिमा की तिथि पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए व्यास पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान बताया गया है। गुरु ही अपने शिष्य को आकार देता है, इसलिए वह ब्रह्मा है। गुरु ही शिष्य की रक्षा करता है, इसलिए वह विष्णु है। गुरु ही शिष्य के सभी दोषों का संहार करता है, इसलिए वह साक्षात महेश्वर है। हम सभी को गुरु पूजन पूरी आस्था से करना चाहिए और अपने गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए।

सीएम ने कहा कि जीवन में गुरु के महत्व से भावी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए यह पर्व आदर्श है। गुरु पूजन का यह पर्व हमें स‌द्मार्ग पर ले जाने वाले उन महापुरुषों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता अर्पित करने की प्रेरणा देता है, जिन्होंने अपने ज्ञान, त्याग और तपस्या से समाज, राष्ट्र और विश्व को नई राह दिखाई।

गुरु पूर्णिमा के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान से रुद्राभिषेक कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की, साथ ही अपने ब्रह्मलीन गुरु महंत अवेद्यनाथ महाराज की पूजा-अर्चना की।

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