किशोर के संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी
The live ink desk. केरल के मलप्पुरम जिले में निपाह वायरस का एक मामला सामने आया है। मलप्पुरम के एक किशोर में एईएस (AES) के लक्षण मिले हैं। उपचार के लिए उसे कोझिकोड के एक उच्च स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था। हालांकि, बाद में मरीज की मौत हो गई।
किशोर की मौत के पश्चात डाक्टर्स की टीम ने मौत की वजह जानने के लिए नमूना जांच के लिए एनआईवी, पुणे भेजा। लैब में की गई जांच में किशोर की मौत का कारण निपाह वायरस बताया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय ‘एक स्वास्थ्य मिशन’ की ओर से राज्य की सहायता के लिए एक जांच दल को तैनात किया गया है, जो निपाह वायरस की जांच करेगा और केरल में तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा।
इसके अतिरिक्त, केरल सरकार के अनुरोध पर आईसीएमआर (ICMR) ने तात्कालिक तौर पर एंटीबॉडी भी भेजी है, ताकि इस वायरस के संभावित मरीजों को तत्काल राहत दी जा सके। कोरोना वायरस की तरह यह बीमारी भी संक्रमण के द्वारा एक दूसरे में फैलती है, इसके लिए अतिरिक्त नमूनों की जांच के लिए एक मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशाला कोझिकोड में पहुँच गई है।
गौरतलब है कि केरल में निपाह वायरस (NIVD) के प्रकोप का मामला पहले भी सामने आ चुका है। साल 2023 में कोझिकोड जिले में इस तरह का मामला सामने आया था। चमगादड़ों को आमतौर पर इस वायरस का संवाहक माना जाता है।
चूंकि चमगादड़ फलों के बागानों में रहते हैं, ऐसे में यदि कोई संक्रमित चमगादड़ के द्वारा दूषित किया गया फल मनुष्य तक पहुंच जाता है तो मनुष्य भी निपाह वायरस की चपेट में आ जाता है।
फिलहाल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत निपाह वायरस का शिकार हुए किशोर के पारिवारिक सदस्यों, पड़ोस और समान बीमारी वाले लोगों की खोज की जाएगी। इसके अलावा वह किशोर पिछले एक पखवारे के दौरान जिसके भी संपर्क में आया होगा, उसकी जांच की जाएगी। किशोर के संपर्क में आने वाले लोगों को तत्काल प्रभाव से अलग रखा जाएगा। जांच के लिए सभी का नमूनालेकर लैब भेजा जाएगा, ताकि इसके संक्रमण को आगे बढ़ने से रोका जा सके।