ताज़ा खबरभारत

अग्निपथ योजना का मकसद सेना को युवा बनाना, देश को मिलेंगे सामर्थ्यवान युवाः मोदी

द्रास सेक्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस के मौके पर अमर शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि

The live ink desk. कारगिल विजय दिवस (Kargil War) की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को नमन किया। लद्दाख के द्रास सेक्टर में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्होंने कहा, कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) हमें यह बताता है कि राष्ट्र के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है।

दिन, महीने, वर्ष गुजरते रहते हैं। लेकिन, राष्ट्र के लिए जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमर,अमिट रहते हैं। कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था,  हमने ‘सत्य, संयम और सामर्थ्य’ का अद्भुत परिचय दिया था। आप जानते हैं, भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था। बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया, लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।

अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है। दुर्भाग्य से, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है।

कुछ लोग सेना के इस reform पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया। ये वही लोग हैं, जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए। ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर जेट को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।

सच्चाई यह है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। प्राइवेट सेक्टर और पैरामिलिट्री फोर्सेज में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणाएं की हैं।

कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए यह योजना लेकर आई। मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है। ऐसे लोगों को पूछना चाहिए कि मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा, क्‍या आज ही उसको पेंशन देनी है? उसको पेंशन देने की नौबत 30 साल के बाद आएगी। और तब तो मोदी 105 साल का हो गया होगा। जैसा मैंने पहले कहा, हम राजनीति के लिए नहीं राष्‍ट्रनीति के लिए काम करते हैं। हमारे लिए राष्‍ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमारे लिए 140 करोड़ की शांति, ये सबसे पहले है।

पीएम ने कहा, पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी। वो आतंकवाद के सहारे अपने आपको प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। लेकिन, आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं, जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज़ सीधे सुनाई पड़ रही है। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।

पीएम ने कहा, बीते पांच सालों में हमने लद्दाख के बजट को 1100 करोड़ से बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपये कर दिया है। ये पैसा आज लद्दाख के लोगों के विकास में, यहां सुविधाएं बढ़ाने में काम आ रहा है। आप देखिए, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, पावर सप्लाई, रोजगार- लद्दाख का हर दिशा में दृश्य भी बदल रहा है, परिदृश्य भी बदल रहा है। पहली बार यहां holistic प्लानिंग के साथ काम हो रहे हैं।

जल जीवन मिशन की वजह से अब लद्दाख के 90 प्रतिशत से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंच रहा है। लद्दाख के युवाओं को क्वालिटी हायर एजुकेशन मिले, इसके लिए यहां सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण हो रहा है। पूरे लद्दाख क्षेत्र को 4G नेटवर्क से जोड़ने का काम भी चल रहा है। 13 किलोमीटर लंबी ज़ोजिला टनल का काम भी जारी है। इसके बनने से नेशनल हाईवे नंबर वन पर भी ऑल वेदर कनेक्टिविटी हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, बीते 10 वर्षों में डिफेंस reforms को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया। इन reforms के कारण हमारी सेनाएं ज्यादा सक्षम हुई हैं। डिफेंस procurement में बड़ी हिस्सेदारी भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री को दी जा रही है। डिफेंस में रिसर्च एंड डेवलपमेंट बजट का भी 25 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर के लिए रिजर्व किया गया है।

इन्ही प्रयासों का परिणाम है कि भारत का डिफेंस प्रोडक्शन अब सवा लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। कभी भारत की गिनती हथियार मंगाने वाले देश के रूप में थी। अब भारत exporter के तौर पर अपनी पहचान बना रहा है। मुझे खुशी है कि हमारी सेनाओं ने 5000 से ज्यादा हथियारों और सैन्य उपकरणों की लिस्ट बनाकर ये तय किया है कि अब ये 5000 आइटम्‍स बाहर से नहीं मंगवाए जाएंगे। मैं इसके लिए सेना नेतृत्व को बधाई देता हूं।

इस मौके पर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर बीडी मिश्र, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष, कारगिल युद्ध के समय सेनाध्यक्ष रहे जनरल वीपी मलिक, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय, वीरता पुरस्कार प्राप्त सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिक, कारगिल युद्ध के बहादुर वीरों के परिवारीजन उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button