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मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में खड़ा किया 9984 किमी का रोड नेटवर्क, 265 योजनाएं निर्माणाधीन

The live ink desk. बीते दस वर्षों में देश की सीमा से लगने वाली सड़कों की हालत सुधारने पर काफी काम किया गया। नरेंद्रमोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने रोड कनेक्टिवटी बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर के बॉर्डर एरिया में रोड का जाल बिछाया।

पूर्वोत्तर (एनईआर) में बीते दस वर्ष के दौरान 9984 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) का निर्माण किया गया, जिन पर 1,07,504 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त 5055 किलोमीटर लंबी 265 परियोजनाओं पर कार्य निर्माणाधीन है। इस पर 1,18,894 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।

इस बार के कुल बजट का 10 फीसद पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए निर्धारित किया गया है। उत्तर-पूर्व के लिए विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम (एसएआरडीपी-एनई) चलाया जा रहा है इसका उद्देश्य राज्यों की राजधानियों को 2/4 लेन में जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, पूर्वोत्तर के जिला मुख्यालयों को कम से कम टू लेन सड़क से जोड़ना, पिछड़े इलाकों को सड़क संपर्क से जोड़ना, सीमावर्ती क्षेत्रों में सामरिक महत्व की सड़कों का निर्माण शामिल है।

भारतमाला प्रोजेक्ट का कार्य़ प्रगति पर

नार्थ-ईस्ट में अरुणाचल पैकेज सहित एसएआरडीपी-एनई के तहत स्वीकृत कार्यों की कुल लंबाई 5,468 किलोमीटर है, इसके लिए 63,542 करोड़ रुपये की लागत स्वीकृत है। इनमें से 3,699 किलोमीटर लंबाई (लागत 38,160 करोड़ रुपये) का कार्य पूर्ण हो चुका है। एनएचडीपी चरण-III के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल 110 किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है।

भारतमाला परियोजना के तहत, पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की कुल लंबाई 2,767 किलोमीटर है, जिसकी लागत 64,319 करोड़ रुपये है। इनमें से, 5,462 करोड़ रुपये की लागत से 272 किलोमीटर की कुल लंबाई के कार्य पूरे हो चुके हैं।

ट्रांस अरुणाचल राजमार्ग को मंजूरी

11,643 करोड़ रुपये की लागत से 1,077 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ तवांग से कनुबारी तक ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग को मंजूरी दी गई है। इनमें से, 8,708 करोड़ रुपये की लागत से 815 किलोमीटर तक कार्य पूरा करवाया जा चुका है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि से वित्त पोषण के साथ  29,562 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1,498 किलोमीटर लंबाई की कुल 41 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

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