चकिया में निकाली गई मेंहदी में उमड़ा जनसैलाब
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). शहर भर के ज़्यादातर ताज़ियादार इस वर्ष बड़ा ताज़िया, बुड्ढ़ा ताज़िया, अलम झूला, मासूम अली असग़र व मेंहदी आदि का जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है, वहीं दूसरी तरफ चकिया चकनिरातुल में पांचवीं मोहर्रम पर आकर्षक फूलों से सजाकर देर रात मेंहदी निकाली गई। ताज़ियादार अमान उल्ला, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद नफीस, मोहम्मद जावेद, बंटू, मोहम्मद शकील, अभिनव भारतीय एडवोकेट, आशीष द्विवेदी, शिवम यादव आदि की देखरेख में निकाली गई। मेंहदी में देर रात तक अक़ीदतमंद जुटे रहे। मेंहदी आस पास की सड़कों व गलियों में घूमकर पुनः उसी स्थान पर पहुंच गई, जहां से उठाई गई थी। देर रात तक नौहों और या अली या हुसैन की सदाएं गूँजती रहीं।
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रोशन बाग़ इमामबाड़ा से निकला क़दीमी जुलूसः रोशनबाग़ इमामबाड़ा से छठवीं मोहर्रम का क़दीमी जुलूस पूर्व चीफ वार्डेन नागरिक सुरक्षा नासिर ज़ैदी व खुशनूद रिज़वी की सरपरस्ती में निकाला गया। जुलूस में दो विशाल अलम, ताबूत हज़रत अली अकबर व हज़रत अली असग़र का झूला भी ज़ियारत को साथ-साथ रहा। जुलूस से पहले खतीबे अहलेबैत जनाब रज़ा अब्बास ज़ैदी ने शहादत का मार्मिक अंदाज में वर्णन किया तो अज़ादारों की आँखों से अश्रु की धारा बहने लगी। मौलाना के ग़मगीन मसाएब पर अज़ादार गिरया ओ ज़ारी करते रहे। अंजुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम के नौहाख्वान ग़ुलाम अब्बास नक़वी व साथियों ने पुरदर्द नौहा पढ़ र माहौल को संजीदा बना दिया। जुलूस रोशनबाग़ ढ़ाल से होते हुए बख्शी बाज़ार की गलियों में गश्त करते हुए क़ाज़ीगंज इमामबाड़ा फूटा दायरा पहुंचकर संपन्न हुआ। रास्तेभर अक़ीदतमंदों ने तबर्रुक़ात पर फूलमाला व सूती चादर चढ़ा कर मन्नत व मुरादें मांगीं। जुलूस में शादाब ज़मन, आसिफ रिज़वी, अली रिज़वी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, ज़ामिन हसन, रमीज़ अहसन, काविश रिज़वी, शाने भाई, ज़ाहिद भाई औन ज़ैदी, जौन ज़ैदी, मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन, अमन जायसी, हसन टाइगर, सादिक़, आमिर, रुफी आदि शामिल रहे।
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