जिलाधिकारी ने आईजीआरएस शिकायतों की समीक्षा, लापरवाही पर लगाई फटकार,
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). जिलाधिकारी रवींद्र कुमार मांदड़ ने गुरुवार को आईजीआरएस (IGRS) की समीक्षा की। गुरूवार को संगम सभागार में नोडल अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कहा, आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है। मुख्य सचिव द्वारा प्रतिदिन इसकी मानीटरिंग की जाती है।
जिलाधिकारी ने आवेदक द्वारा निस्तारण पर दिए गए फीडबैक की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिशाषी अभियंता (विद्युत) के कुल फीडबैक 405 के सापेक्ष अवशेष 240 फीडबैक, अधिशाषी अभियंता (प्रांतीय खंड) के कुल फीडबैक 52 के सापेक्ष 39 अवशेष फीडबैक, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के कुल फीडबैक 32 के सापेक्ष अवशेष फीडबैक की संख्या 24 होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
सभी को सचेत किया कि भविष्य में सभी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करते हुए सभी फीडबैक अवश्य लिए जाए।
प्रयागराज की खराब रैंकिंग व असंतुष्ट फीडबैक की अधिक संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थिति अस्वीकार्य है, इसलिए आप सभी आईजीआरएस (IGRS) पोर्टल पर शिकायतों की प्रतिदिन स्वयं समीक्षा करें और शिकायतकर्ता से स्वयं वार्ता करें। कार्यालयों में बनाए गए आईजीआरएस फीडबैक रजिस्टर में किससे, कब बात की और शिकायतकर्ता का फीडबैक क्या था, का उल्लेख किया जाए।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को 15 दिवस के अंदर सभी संदर्भों का निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कहा, किसी भी दशा में कोई प्रकरण डिफाल्टर की श्रेणी में न होने पाए। सभी एसडीएम व बीडीओ को लंबित बिंदुओं पर एजेंडा प्वाइंट बनाते हुए प्रत्येक सप्ताह संबंधित के साथ बैठक कर शिकायतों के निस्तारण का निर्देश दिया।
सभी अधिकारियों को आईजीआरएस (IGRS) की शिकायतों के निस्तारण के लिए आख्या प्रारूप उपलब्ध कराते हुए सभी को निर्देशित किया कि शिकायतों का निस्तारण करते हुए प्रत्येक निस्तारण की आख्या इसी प्रारूप पर सभी लोग उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि यदि अन्य विभाग से सहयोग अपेक्षित हो, तो समन्वय कर प्रकरण को निस्तारित करें। अन्य संबंधित विभाग के द्वारा अपेक्षित सहयोग किया गया अथवा नहीं, का उल्लेख भी आख्या में अवश्यक करेंगे।
गंभीर प्रकरणों में एल-2 के अधिकारियों को स्वयं फील्ड विजिट कर शिकायत का निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि यदि शिकायत के निस्तारण के लिए एल-1स्तर के कर्मचारी द्वारा फील्ड विजिट किया जाता है, तो स्पाट मेमो, गवाहों के नाम, हस्ताक्षर व मोबाइल नंबर व फोटोग्राफ्स आख्या में संलग्न किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि शिकायत आपसे संबंधित न हो, तो संबंधित विभाग का उल्लेख करते हुए उसी दिन वापस कर दें अथवा अग्रसारित कर दें। एडीएम (सिटी) को अन्य से संबंधित ऐसी शिकायतों का रिकार्ड बनवाने के लिए कहा।
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील दिवसों में प्राप्त होने वाली शिकायतों का श्रेणीकरण कर ससमय निसतारित कराएं। शिकायती पत्र में संबंधित का मोबाइल नंबर अवश्य अंकित कराएं। सभी एडीएम को निर्देशित किया कि वह दो-दो तहसीलों के आईजीआरएस (IGRS) प्रकरणों की प्रतिदिन समीक्षा करें और रोजाना 10 शिकायतकर्ताओं से बातकर उनका फीडबैक लेकर दर्ज करें।
इसी तरह सभी अधिकारी अपने कार्यालय में 10 से 12 बजे के मध्य अवश्य ही जनसुनवाई करें और उसके पश्चात भी प्रत्यावेदन लेकर आने वाले सभी व्यक्तियों से अवश्य मिलें और यदि कार्य तुरंत ही कराए जाने योग्य हो, तो अपने कार्यालय के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के माध्यम से प्रकरण का निस्तारण कराते हुए उन्हें संतुष्ट भी करने का प्रयास करें।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पूजा मिश्रा, अपर जिलाधिकारी (नगर) मदन कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी कुंवर पंकज, सभी एसडीएम मौजूद रहे।