भदोही (संजय सिंह). दहेज लेना-देना दोनों अपराध है, साथ ही यह एक सामाजिक बुराई है, जिसके कारण समाज में महिलाओं के साथ अकल्पनीय यातनाएं और अपराध हुए। भारतीय वैवाहिक व्यवस्था भी प्रदूषित हुई है। यह बातें जिला दहेज प्रतिषेध/जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया ने कही।
जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया ने बताया कि दहेज एक सामाजिक बुराई है, जिसके कारण समाज में महिलाओं के प्रति अकल्पनीय यातनाएं और अपराध हुए। दहेज, शादी के समय दुल्हन के ससुराल वालों को लड़की के परिवार द्वारा नकद या वस्तु के रूप में किया जाने वाला भुगतान है।
आज सरकार न केवल दहेज प्रथा को मिटाने के लिए बल्कि बालिकाओं की स्थिति के उत्थान के लिए कानून (दहेज निषेध अधिनियम 1961) और योजनाओं द्वारा सुधार की दिशा में प्रयासरत है। इस समस्या से छुटकारा पाने में लोगों की सामाजिक और नैतिक चेतना को प्रभावी बनाना होगा।
उन्होंने कहा, महिलाओं को शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना एवं दहेज प्रथा के खिलाफ कानून को प्रभावी ढंग से लागू करना मददगार हो सकता है। दहेज प्रथा न केवल अपराध हैस बल्कि अनैतिक भी है। इसलिए दहेज प्रथा की बुराइयों के प्रति समाज की अंतरात्मा को पूरी तरह से जगाने की जरूरत है, ताकि समाज में दहेज की मांग करने वालों की प्रतिष्ठा कम हो जाए।
उन्होंने कहा, दहेज संबंधित किसी भी शिकायत के लिए जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया (7518024049), अथवा महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर संपर्क कर सकते हैं।