योगी आदित्यनाथ ने कहा- ई-रजिस्ट्रेशन से नागरिकों के पैसे और समय की होगी बचत
लखनऊ. योगी आदित्यनाथ ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स-2024 का अवलोकन किया। सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग, बेहतर रिकॉर्ड और डाटा मैनेजमेंट के लिए स्टांप और रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था आज की जरूरत है। इसकी शीघ्र तैयारी की जाए और ड्राफ्ट बनाकर प्रस्तुत किया जाए।
वर्तमान परिदृश्य में पंजीकरण के लिए रजिस्ट्री कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य है। यह काफी समय लेने वाली प्रक्रिया है। ई-रजिस्ट्रेशन की शुरुआत के बाद नागरिकों को काफी सुविधा होगी। लोगों के पैसे और समय की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, कानूनी और किसी अन्य तरह की समस्या का भी सामना नहीं करना होगा। रजिस्ट्री कार्यालयों की कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने आवासीय, अनावासीय और व्यावसायिक संपत्ति के रेंट एग्रीमेंट के स्टांप रजिस्ट्रेशन शुल्क को कम करने के निर्देश दिए। इसके लिए अलग-अलग ब्रैकेट बनाए जाएं और एग्रीमेंट की प्रक्रिया को सरल किया जाए।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रूल्स-2024 में मौजूद रजिस्ट्रेशन के कोडिफिकेशन, ई-रजिस्ट्रेशन और ई-फाइलिंग की संपूर्ण व्यवस्था पारदर्शी हो। ई-रजिस्ट्रेशन का कार्य सरकारी एजेंसीज और रेरा अप्रूव्ड संस्थाओं के माध्यम से कराया जाए। वहीं ई-फाइलिंग का कार्य बैंक फाइल 6 (1), 12 माह तक का रेंट एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन एक्ट-1908 के सेक्शन 18 और 89 के तहत किसी भी डॉक्युमेंट के माध्यम से कराया जाए।
फेज-1 में सरकारी एजेंसियों को मिलेगी मंजूरी
सीएम ने कहा, ई-रजिस्ट्रेशन के तहत फेज-1 में सरकारी एजेंसियों-डेवलपमेंट एवं इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटीज को सेल डीड, एग्रीमेंट एवं लीज डीड के लिए मंजूरी प्रदान की जाए। सरकारी एजेंसियों के नोडल अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतिकरण और स्वीकृति प्रदान की जाए, साथ ही, पार्टियों का फोटो और सिग्नेचर भी डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाना चाहिए। पंजीकरण उपरोक्त प्रक्रिया के इलेक्ट्रॉनिक प्रेषित डेटा के आधार पर रजिस्ट्रार अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
ई-रजिस्ट्रेशन के फेज-2 में सेल डीड, एग्रीमेंट और लीज डीड के लिए रेरा द्वारा अनुमोदित संस्थाओं तक विस्तारित किया जाए। पार्टियों का फोटो और हस्ताक्षर डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाए। प्रक्रिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रसारित डाटा के आधार पर पंजीकरण अधिकारी द्वारा पंजीकरण किया जाए।
रिकार्ड्स में छेड़छाड़ की गुंजाइश होगी कम
ई-फाइलिंग के तहत फेज-1 में बैंक फाइलों की प्रोसेसिंग पहले ही शुरू हो चुकी है, जबकि दूसरे फेज में 12 माह तक का रेंट एग्रीमेंट, ऑनलाइन स्टांपिंग, ई-सिग्नेचर और पार्टियों और गवाहों का ई-केवाईसी वेरिफिकेशन आधार के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के रिकॉर्ड्स बहुत ही सेंसिटिव होते हैं और इनके साथ छेड़छाड़ की गुंजाइश बनी रहती है। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सुरक्षित होने के साथ ही इन्हें सत्यापित करना भी आसान है।
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