151 की जमानत के लिए छोड़ना पड़ रहा मुख्यालय, समाधान दिवस का बहिष्कार
तहसील कोरांव में अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा, मांग पूरी होने तक होगा बहिष्कार
कोरांव के मामले में मेजा तो खीरी वालों को कौंधियारा का करना पड़ रहा है सफर
प्रयागराज (राहुल सिंह). 151, 107, 116 ऐसी धाराएं हैं, जिनकी जमानत स्थानीय स्तर पर बिना किसी परेशानी के हो जाया करती थी, लेकिन जब से प्रयागराज में कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई है, उक्त धाराओं में जमानत के लिए वादकारियों और अधिवक्ताओं को संबंधित सीओ कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोगों को तहसील मुख्यालय छोड़ना पड़ रहा है। इसी समस्या को लेकर शनिवार को कोरांव तहसील मुख्यालय पर अधिवक्ताओं ने समाधान दिवस का बहिष्कार कर दिया और चेताया कि जब तक उनकी इस समस्या का समाधान नहीं किया जाता, वह बहिष्कार जारी रखेंगे।
बार एसोसिएशन के अधिवक्ता की तरफ से समाधान दिवस के प्रभारी अधिकारी को अपनी मांगों से संबंधित एक प्रार्थनापत्र भी दिया गया, जिसमें बताया गया कि कोरांव तहसील में पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के नहीं बैठने से लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। धारा 151. 107, 116 की मामूली जमानत के लिए कोरांव के लोगों को मेजा और खीरी थाने के अधिवक्ताओं व वादकारियों को खीरी का सफर करना पड़ रहा है।
इससे न सिर्फ समय बर्बाद होता है, बल्कि वादकारियों को भी समय से न्याय नहीं मिल पाता।ऐसी समस्या से बचने के लिए एसीपी या फिर उनके प्रतिनिधि के रूप में किसी अधिकारी को कोरांव तहसील में बैठने के लिए कहा जाए, ताकि न्यायिक कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।
कोरांव बार एशोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार तिवारी के नेतृत्व में उक्त समस्या को लेकर अधिवक्ताओं ने एसडीएम सुदामा वर्मा को ज्ञापन दिया। शनिवार को सुबह दस बजे ही वकीलों के समाधान दिवस का बहिष्कार कर देने से दोपहर दो बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। अधिवक्ताओं ने चेताया कि जब तक खीरी और कोरांव थाने की 151/107/116 की जमानत कोरांव तहसील में पहले की तरह सुनिश्चित नहीं की जाती, हम लोगों का विरोध जारी रहेगा और संपूर्ण समाधान दिवस का विरोध करते रहेंगे।
इस दौरान एडीएम प्रशासन ने अधिवक्ताओं से बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्रनाथ मिश्र, वर्तमान अध्यक्ष उमाकांत, कोषाध्यक्ष रामकृष्ण दुबे, विनीत मिश्र, राजू दुबे, सुनील पांडेय, भाष्कर यादव, रवि प्रकाश तिवारी, कौशलेश तिवारी, यादवेंद्र यादव, विजय बहादुर सिंह, प्रभातेश्वर मिश्र, श्याम सुंदर तिवारी, मणिशंकर शर्मा, इंद्रप्रकाश पांडेय, बृजेश मिश्र, शिवप्रसाद कुशवाहा मौजूद रहे।