अवध

तीन परिवारों को जिंदगी भर की टीस दे गया भीषण हादसा, घर पहुंचा अस्मित का शव

प्रयागराज. शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के झंझरा चौबे के नजदीक बुधवार की शाम सड़क हादसे का शिकार हुए अस्मित का शव गुरुवार को पीएम के बाद घर लाया गया। शव के घर पहुंचने की सूचना पर आसपास के सैकड़ों लोग अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे। शंकरगढ़ कस्बे के पुरानी बाजार निवासी अस्मित उर्फ अभय (21) पुत्र श्यामजी एक डिजिटल न्यूज पोर्टल में स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता था।

तीसरे पहर, तकरीबन चार बजे अस्मित का शव घर लाए जाने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। दूसरी तरफ, इसी सड़क हादसे का शिकार हुए शंकरगढ़ क्षेत्र के भगदेवा निवासी सुनील द्विवेदी (42) पुत्र हरिविलास के घर भी मातम पसरा हुआ है। सुनील द्विवेदी पेशे से शिक्षक थे, उन्हे एक 17 वर्षीय बेटी और एक 13 वर्षीय बेटा है।

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इसके अलावा तीसरी मौत रोहिणी सेन की हुई थी। रोहिणी सेन शंकरगढ़ कस्बे के रानीगंज का रहने वाला था। रोहिणी भी मीडिया से जुड़ा था। उसके पांच बच्चे हैं। रोहिणी के पिता रिटायर्ड दरोगा हैं। परिजनों ने रोहिणी का पोस्टमार्टम नहीं करवाया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया है। दूसरी तरफ कैंब्रिज हाईस्कूल एवं एसएनके इंटर कालेज में इस हादसे पर दुख व्यक्त किया गया। प्रबंधक संतोष त्रिपाठी ने बताया कि रोहिणी सेन के तीन बच्चे उनके यहां पढ़ते हैं। इस दौरान हुई शोकसभा में आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

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शोकसभा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती, बालेंद्रपांडेय, मनोज तिवारी, पंकज श्रीवास्तव, सौरभ प्रकाश, प्रताप बहादुर सिंह, ज्ञानेंद्र मिश्र, अशोक त्रिपाठीआदि मौजूद रहे।

तीन परिवारों को जीवनभर की टीस देने वाला यह दर्दनाक हादसा बुधवार की शाम छह बजे झंझरा के पास स्कूटी और बाइक के आमने-सामने टकराने से हुआ था। शिक्षक सुनील द्विवेदी अपनी पत्नी को रिसीव करने के लिए नारीबारी जा रहे थे, जबकि स्कूटी सवार अस्मित उर्फ अभय और रोहिणी सेन  नारीबारी से शंकरगढ़ की तरफ लौट रहे थे। तेज रफ्तार की वजह से हुई टक्कर के बद तीनों को बचाया नहीं जा सका।

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