अवध

नाचते-गाते निकाली कलश यात्रा, लाइनपार में भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ

कथाव्यास प्रपन्नाचार्य महराज सुनाएंगे राधा-कृष्ण की लीला

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 31 अक्टूबर, मंगलवार से लाइनपार (शंकरगढ़) में आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथा (Bhagwat Katha) का शुभारंभ हो गया। पहले दिन भक्तों ने कलश यात्रा (Kalash Yatra) निकाली। रथ और डीजे के साथ पीत वस्त्र में भक्तों की टोली नाचते-गाते हुए निर्धारित मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल सागर गेस्ट हाउस (रानीगंज रोड)  पर पहुंची। इस दौरान राधाकृष्ण का जयकारा लगाया गया।

31 अक्टूबर से शुरू हो रही भागवत कथा (Bhagwat Katha) के प्रथम दिन पंडित राघवेंद्र प्रपन्नाचार्य महराज व्यास पूजन कर कथा का शुभारंभ किया। प्रथम दिन उन्होंने श्रीमद भागवत कथा का महात्म्य समझाया। स्पष्ट किया कि व्यक्ति को जीवन में एक बार भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। मुख्य यजमान कलावती देवी ने कथावाचक पंडित राघवेंद्र का चरण धुलकर स्वागत सत्कार किया।

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दिलीप कुमार केसरवानी उर्फ मुखिया ने बताया कि Bhagwat Katha के दूसरे दिन एक नवंबर को भीष्म स्तुति, परीक्षित श्राप, सती चरित्र, दो नवंबर को ध्रुव चरित्र, जड़ भरपत प्रसंग, नर्क वर्णन, अजामिल प्रसंग, तीन नवंबर को समुद्र मंथन, वामन अवतार, रामावतार, कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में चार नवंबर को कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करने के साथ-साथ पूतना उद्धार, माखन लीला और गोवर्धन पूजा की जाएगी।

पांच नवंबर, रविवार को रसलीला, मथुरा गमन, कंस वध, रुक्मिणी विवाह और छह नवंबर को भगवान के अन्यान्न विवाह, एकादशी स्कंध कथा, सुदामा चरित्र, कथा विश्राम व्यास पूजन के साथ कथा कास मापन होगा, जबकि Bhagwat Katha का समापन सात नवंबर को हवन-पूजन और भंडारे के साथ किया जाएगा।

प्रथम दिन निकाली गई कलश यात्रा (Kalash Yatra) में दिलीप कुमार केसरवानी, अवधेश केसरवानी, विनोद केसरवानी, प्रमोद केसरवानी, संदीप केसरवानी, कुलदीप केसरवानी, रमेश, दिनेश, गणेश, फूलचंद्र केसरवानी, मूलचंद्र केसरवानी, लालचंद्र केसरवानी, सुशील, गोपाल, प्रकाशचंद्र, अंकित, रवि, हिमांशु, नितिन, राजीव, निखिल, रजत, शौर्य, गर्व, आरव, श्रेय, वैभव, महक, अर्पिता, शानवी, आरवी, आशवी समेत तमाम भक्त शामिल रहे।

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