अवधराज्य

विजय दिवसः शहीदों को नमन कर वीर सैनिकों ने सुनाए कारगिल युद्ध के संस्मरण

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). वीर सेनानी पूर्व सैनिक कल्याण समिति के तत्वावधान में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई। लाल बहादुर शास्त्री तपोवन पार्क, सत्संग भवन (न्यू कैंट) में जुटे पूर्व सैनिकों ने शहीदों को नमन किया और कारगिल युद्ध से जुड़े कई संस्मरण सुनाए।

मुख्य अतिथि के तौर पर न्यायमूर्ति  कैप्टन डीपीएन सिंह, कारगिल युद्ध विजेता पूर्व सूबेदार ईश्वरचंद्र तिवारी, श्यामसुंदर सिंह पटेल एवं गुनई यादव ने कारगिल में शहीद हुए नायक लालमणि यादव (प्रयागराज) एवं शहीद हवलदार कंचन सिंह पटेल (फतेहपुर) के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

भारत माता की जय, कारगिल वीर शहीद अमर रहें, वीर शहीदों की कुर्बानी याद करेगा हिंदुस्तानी, वंदे मातरम आदि उद्घोष किया। तत्पश्चात सभी ने वंदे मातरम गीत गाया। विजय दिवस के मौके पर कारगिल युद्ध विजेताओं ने युद्ध से जुड़े संस्मरण भी सुनाए। वीर नारी राधा देवी ने गीत गाकर सभी का स्वागत किया।

कारगिल युद्ध विजेता पूर्व कैप्टन नरेंद्र प्रताप सिंह ने संस्मरण सुनाते हुए गीत गाया- शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा, दीप उनकी कब्र पर जलेंगे सदा, खून जिसने दिया है वतन के लिए, सुनाकर अपनी श्रद्धांजलि दी।

कारगिल युद्ध विजेता पूर्व सूबेदार श्यामसुंदर सिंह पटेल ने कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तान की धोखेबाजी के कारण हुआ, जो हिमालय की पहाड़ियों पर 12000 से 18000 फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया। माइनस 45 डिग्री तापमान पर विषम परिस्थितियों में देश के वीर जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया और पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए।

यह युद्ध छह मई से 26 जुलाई, 1999 तक चला। 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तान को परास्त कर विजय हासिल की और टाइगर हिल पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर विजय दिवस मनाया गया। इस युद्ध के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं।

कारगिल युद्ध विजेता सूबेदार मेजर बच्चालाल प्रजापति, सूबेदार जी यादव, सूबेदार मेजर पीएन ओझा, लेफ्टिनेंट मोहम्मद शाहिद उस्मानी आदि ने संस्मरण सुनाए और कहा कि यह युद्ध अन्य सभी युद्धों से अलग था, जो पहाड़ों में लड़ना पड़ा। मौसम की मार, ऑक्सीजन की कमी जैसी परिस्थितियों को झेलते हुए विजय हासिल की। पूरे विश्व में आज तक पहाड़ों में इतनी ऊंचाई पर युद्ध नहीं हुआ, इसलिए यह ऐतिहासिक युद्ध था, जिसका विशेष महत्व है। इसीलिए हर वर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति कैप्टन डीपीएन सिंह ने कहा, कारगिल वीर शहीदों को हम नमन करते हैं। भारतीय सेना की पूरे विश्व में मिसाल दी जाती है। हमें संगठित होकर राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगना चाहिए। कहा, सेवानिवृत्त होने के बाद भी हम सैनिक ही होते हैं, क्योंकि हमने जो शपथ ली है, वह मरते दम तक समाप्त नहीं होती। हमें सिविल की हर समस्याओं से लड़ना पड़ता है, जो विदेशियों के षड्यंत्र से उत्पन्न होती है, इसलिए हमें आंख, कान, खोलकर रहना चाहिए व राष्ट्र को बचाने के लिए कार्य करना चाहिए।

अध्यक्षता ईश्वरचंद्र तिवारी ने की। कार्यक्रम में बच्चा लाल प्रजापति, बीएन सिंह,  बीएल यादव,  डीएम चतुर्वेदी, हरिराम पांडेय, सुमन सिंह, राधा देवी, इंदुला देवी, केएन दुबे, पीके दुबे, बृजलाल, पीएन ओझा, एके झा, पवन कुमार मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन श्याम सुंदर सिंह पटेल ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button