भदोही (संजय सिंह). हाल के दशकों में तेजी से जलवायु परिवर्तन हुआ है। बिगड़ते मौसम से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से जानमाल की क्षति हुई है। हफ्तों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण भारत के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों लोगों के जानें गईं और हजारों लोग विस्थापित भी हुए।
यह बातें राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता ने कही। मानसून काल में जनपदवासियों से पौधरोपण की अपील करते हुए कहा, असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान को सभी ने देखा है।
हॉस्टल परिसर में हनुमान मंदिर के पास पौधरोपण करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने मानसून की बारिश को अधिक अनियमित बना दिया है। मसलन लंबे समय तक सूखा रहने के बाद अचानक मूसलाधार बारिश का होना, बादलों का फटना, ऊंचे पहाड़ों पर बार-बार भूस्खलन होना, यह प्रकृति द्वारा हमारे लिए खतरे की घंटी का संकेत है।
प्राकृतिक चेतावनी के बावजूद हम अपने स्वार्थ में इतने अंधे हो गए हैं कि हम अपने लालच की प्रतिपूर्ति के लिए पेड़ों को बेतहाशा काटकर अपार्टमेंट, रिसॉर्ट और बड़े-बड़े होटल के निर्माण करने लगे हैं। उसी लालच का परिणाम प्रकृति के कहर के रूप में हमारे सामने आ रहा है। इस अवसर पर आलोक कुमार गुप्ता, धनंजय और बाबा उपस्थित रहे।