आंवले के पेड़ के नीचे श्रद्धालुओं को कराया भोजन
चौरी/भदोही (अनंत गुप्ता). देवनाथपुर स्थित द्वादश ज्योतर्लिंग सुंदरवन कटैबना में शनिवार को दोपहर में कार्तिक मास के द्वादशी के दिन माता राज लक्ष्मी मंदा ने आंवले के पेड़ के नीचे स्वयं विभिन्न प्रकार के प्रसाद (भोजन) को बनाया। तत्पश्चात भगवान को प्रसाद भोग लगाकर आरती की। वहीं सुंदरवन आश्रम में सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों को भोजन भी कराया।
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माता राज लक्ष्मी मंदा ने बताया कि मान्यता हैं कि कार्तिक मास में आवले के पेड़ से अमृत की बूंदें गिरती हैं और जो भी व्यक्ति आँवले पेड़ के नीचे भोजन करता है उसके भोजन में अमृत के अंश आ जाता हैं। जिसके प्रभाव से मनुष्य रोग मुक्त होकर दीर्घायु बनता है। माता मंदा ने अनुसार त्रेतायुग का आरंभ इसी दिन हुआ था।
बताया कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय होता है। अक्षय का अर्थ जिसका कभी क्षय न हो। ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी एक बार पृथ्वी लोक पर भ्रमण के लिए आईं और यहां आकर उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। इस अवसर पर फलाहारी बाबा, गोपाल उपाध्याय, रमेश उपाध्याय सहित तमाम श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित रहे।