
The live ink desk. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने तीन सितंबर, 2024 को 1,44,716 करोड़ रुपये के 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति (AON) प्रदान की। इस खरीद प्रक्रिया में कुल लागत का 99 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी स्रोतों (भारतीय) से खरीदा जाएगा। जो भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित होंगे।
इस खरीद प्रक्रिया में फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCV), एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार, डोर्नियर-228 विमान, अगली पीढ़ी के तेज गश्ती एवं अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद को मंजूरी दी गई है। भारतीय नौसेना के लिए सात उन्नत फ्रिगेट का निर्माण और भारतीय सेना के टी-72 टैंकों को आधुनिक फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCV) से बदलने का प्रस्ताव शामिल है।


एफआरसीवी (FRCV) बेहतर गतिशीलता, सभी इलाकों में पहुंच सकने की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, वास्तविक समय में स्थितिजन्य जागरूकता के साथ घातक एवं सटीक फायर करने की क्षमता से लैस भविष्य का एक मुख्य युद्धक टैंक होगा।
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक लड़ाकू वाहनों, वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार, डोर्नियर-228 विमानों, अगली पीढ़ी के तेज गश्ती और अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद की जानी है। अत्याधुनिक एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार, जो हवाई लक्ष्य का पता लगाएगा एवं उसकी निगरानी करेगा और फायरिंग संबंधी समाधान प्रदान करेगा।
भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17 ब्रावो के तहत सात नये युद्धपोतों का अधिग्रहण करना भी शामिल है, जो वर्तमान में निर्माणाधीन नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट के बाद भारत में निर्मित अब तक के सबसे उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट होंगे।
डीएसी से मंजूरी मिलने के बाद निजी क्षेत्र के शिपयार्ड सहित ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय शिपयार्डों को लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की निविदा जारी किए जाने की उम्मीद है। निविदा में श्रेणी ए के शिपयार्ड मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और लार्सन एंड टूब्रो आदि शामिल होंगे।
मौजूदा समय में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स प्रोजेक्ट 17ए (नीलगिरी-क्लास) के तहत फ्रिगेट का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें एमडीएल में चार और जीआरएसई में तीन फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। बैठक में भारतीय सेना के रूसी मूल के टी-72 टैंकों को 1,700 एफआरसीवी से बदलने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
सेना टी-72 को स्वदेशी एफआरसीवी से बदलने की योजना बना रही है। भारतीय विक्रेताओं को 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री वाले टैंक बनाने की आवश्यकता होगी और भारत फोर्ज और लार्सन एंड टूब्रो जैसी प्रमुख कंपनियां हैं।
भारतीय सेना का लक्ष्य एफआरसीवी परियोजना को कई चरणों में पूरा करना है, जिसमें प्रत्येक चरण में लगभग 600 टैंक बनाए जाएंगे। साउथ ब्लॉक में आयोजित बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेना प्रमुख, रक्षा सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के अंत में राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक (ICG) के दिवंगत महानिदेशक राकेश पाल, जो डीएसी के सदस्य भी थे, के प्रति सम्मान प्रकट किया। 18 अगस्त, 2024 को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से राकेश पाल का निधन हो गया था। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति रक्षा मंत्रालय की ओर से हार्दिक संवेदना, प्रार्थना और अटूट समर्थन व्यक्त किया। डीएसी के सभी सदस्यों ने खड़े होकर एक मिनट का मौन रखा और आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।