जलभराव न अतिवृष्टि, फिर भी धंस गई सिविल लाइंस की महत्वपूर्ण सड़क
सपा के पूर्व प्रवक्ता विनय कुशवाहा ने स्मार्ट सिटी के कार्यों पर उठाया सवाल
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत शहर में करवाए जा रहे विकास कार्यों पर सवालिया निशान लगाया है। विनय कुशवाहा ने कहा, भ्रष्टाचार का दीदार कराता बिन बरसात, बिन जलभराव के हमारा स्मार्ट शहर प्रयागराज। शहर का वह हिस्सा, जहां पर पिछले सात साल से कार्य चल रहा है, वहां की सडक (लोक सेवा आयोग चौराहा) धंस गई, जिसमें एक बस भी फंस गई। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि भ्रष्टाचार में जनहित की बातें अब बेमानी होती जा रही हैं।
पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम की हर बैठक में मैं व्यक्तिगत तौर पर यह बात हमेशा उठाता आ रहा हूँ कि शहर का जो एरिया पहले से अच्छी कंडीशन में है, उसी का चयन कर सात साल से कार्य कर रहे हैं। जबकि प्रयागराज के पुराने शहर में विकास कार्य की ज्यादा आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी आज स्थिति सबके सामने है। बीच में सड़क बस धंस जाती हैं।
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विनय कुशवाहा ने कहा कि स्मार्ट सिटी एडवाइजरी फोरम की तिमाही बैठक, जिसमें सांसद, विधायक, मेयर के साथ सदस्य दो बिस्किट और चाय तक ही सीमित होते हैं, क्योंकि अधिकारी लोग पहले से बनाई स्लाइड्स प्रोजेक्टर पर दिखाकर अपनी वाहवाही लूटते हैं। आगे क्या कार्य होगा और जो कार्य हुआ, उसकी गुणवत्ता की क्या गारंटी है, इस पर कोई चर्चा नहीं होती। इसके अलावा प्रतिनिधिगण जो सुझाव व शिकायत करते हैं, उस पर क्या किया जाता है, उसकी रिपोर्ट नहीं दी जाती।
उन्होंने कहा कि कोई भी योजना को पहले मिशन अधिकारी न्यूज पेपर में छपने के बाद सदस्यों को स्लाइड्स दिखते हैं, इसलिए ऐसी कमेटी की बैठक का कोई मतलब ही नहीं होता है। कुशवाहा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारी स्मार्ट हो गए, लेकिन शहर आज भी वैसा है। मिशन के हर कार्य में सिर्फ पैसे की बर्बादी ही हुई हैं।
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इसका जीता-जागता उदाहरण सिविल लाइन बस अड्डे के सामने हो रही शहीद वाल पर नक्काशी पैसे की बर्बादी है। व्यस्ततम, भीड़भाड़ वाला क्षेत्र बस अड्डे के सामने की सड़क चौड़ी होनी चाहिए थी, जिससे लोगों को अवागमन की सुविधा के साथ जाम न झेलना पड़े और पेट्रोल-डीजल का प्रदूषण कम हो, अभी कुछ दिन पहले एक बस फेल हुई थी, इसलिए वो जगह शहीद वाल के लिए उपयुक्त नहीं थी। यह अधिकारियों की अदूरदर्शिता और पैसे की बर्बादी है। आज नहीं तो कल वो जगह सड़क चौड़ीकरण की जद में आएगा ही।