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रिसर्चर डा. अमित दुबे का दावाः कमाल का है औषधीय गुणों वाला बबूने का फूल

कार्डियो वैस्कुलर बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन रक्तस्त्राव में भी काफी कारगर Camomile Flowers

मूलरूप से मिश्र के कैमोमाइल अर्थात बबूने का फूल में है हज़ारों बीमारियों से लड़ने की शक्ति

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). आयुर्वेद का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारी दिनचर्या से जुड़ा है। रोजाना हम बहुत से ज्ञात और अज्ञात रूप में इसका सेवन करते हैं और लाभ पाते हैं। आयुर्वेद हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है, हमें स्वास्थ्य लाभ देता है, इसका फायदा कोरोना काल में देखने को मिला। जबसे कोरोना महामारी (corona pandemic) शुरूआत हुई, तबसे लोगों में इम्यून सिस्टम (immune system) को मजबूत करने के प्रति बहुत जागरूकता बढ़ गई है।

लोग, अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देकर न केवल कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक रहे हैं, बल्कि बदलते मौसम में होने वाली बीमारियों से खुद को बचा रहे हैं। डॉक्टर हमेशा बीमारियों से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम (immune system) मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके लिए सही दिनचर्या का पालन (follow a routine), उचित खानपान (proper diet) और रोजाना वर्कआउट (daily workout) जरूरी है, साथ ही डाइट में आवश्यक पोषक तत्वों को जरूर शामिल करें और जंक फ़ूड (junk food) से परहेज करें।

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कई शोधों में साबित हो चुका है कि हर्बल टी (herbal tea) के सेवन से इम्यून सिस्टम (immune system) मजबूत होता है। आयुर्वेद (Ayurveda) में जड़ी-बूटी का विशेष महत्व है। इन जड़ी-बूटियों की पत्तियों से हर्बल टी बनाई जाती है। इन्ही में एक है कैमोमाइल (camomile flowers) टी। इस औषधीय चाय में कई गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। कैलोमाइन (बबूने के फूल) के फूल को सुखाकर चाय पत्ती के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कई जगह पर कैमोमाइल (camomile flowers) के ताजे फूलों का भी प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटी-डायबिटीज (anti-diabetes) के गुण पाए जाते हैं, जो शुगर कंट्रोल (sugar control) करने में सहायक होते हैं।

खास बात यह है कि कैमोमाइल चाय (chamomile tea) में कैफीन नहीं पाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर भी डायबिटीज के मरीजों को कैमोमाइल चाय (chamomile tea) पीने की सलाह देते हैं। दिनभर की थकान उतारनी हो या फिर तनाव से छुटकारा पाना हो, मिस्त्र का ये फूल एक नहीं सौ मर्ज की दवा है।

स्ट्रेस, मोटापा दूर भगाता है बबूने का फूल

कैमोमाइल नाम का यह फूल अपने औषधीय गुणों की वजह से काफी फेमस है और अब कई देशों में पाया जाता है। कैमोमाइल (chamomile tea) नाम के फूल, जिसे बबून भी कहते है, उसकी चाय गैस, मांसपेशियों में खिंचाव के साथ स्ट्रेस और अनिंद्रा से भी राहत देती है। अगर आपको रात में नींद नहीं आती है, तो सोने से आधे घंटे पहले कैमोमाइल टी पीनी चाहिए। इसके साथ ही कैमोमाइल चाय आपको माइग्रेन के दर्द में भी राहत पहुंचाती है। ये आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स करके सिरदर्द को खत्म करती है।  कैमोमाइल टी (chamomile tea) में चिकित्सीय गुण मौजूद होने की वजह से यह मामूली घाव को जल्द भरने में मदद करती है। एक अन्य शोध में यह खुलासा हुआ है कि कैमोमाइल टी पीने से हाइपरग्लिकेमिया, पेट की गड़बड़ी, मोटापे की समस्या और घबराहट की बीमारी के उपचार में मददगार है। कैमोमाइल को कारगर कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी प्लेटलेट भी माना जाता है।

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हार्ट अटैक, ब्रेन रक्तस्त्राव में भी काफी कारगर

नेशनल रिसर्च कौंसिल ऑफ़ इटली (National Research Council of Italy) से डॉक्टरेट रिसर्च के दौरान प्रयागराज के युवा वैज्ञानिक डॉ. अमित दुबे (Young Scientist Dr. Amit Dubey) ने कैमोमाइल (बबूने का फूल) पर विस्तार से शोध किया। डा. दुबे ने अपने एक प्रमुख शोध में पाया कि कैमोमाइल (बबूने का फूल) के अर्क में यौगिकों के दो प्रमुख अंश: क्लोरोजेनिक एसिड और मैट्रिकिन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जो की अथेरोस्क्लेरोसिस में भागीदार काइमेज प्रोटीन को अच्छे से बाधित करने में कारगर है। डॉक्टरेट के इटालियन गाइड्स, प्रोफेसर एंजेलो फछ्यानो (सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट) और प्रोफेसर एना मारबोत्ती के साथ चार साल तक युवा वैज्ञानिक डा. अमित दुबे ने कैमोमाइल (बबूने का फूल) पर काम किया और यह निष्कर्ष निकाला की कैमोमाइल (बबूने का फूल) के यौगिकों का मेल, जो क्लोरोजेनिक एसिड और मैट्रिकिन है, वह कार्डियो वैस्कुलर बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन रक्तस्त्राव इत्यादि में काफी कारगर है।

Young Scientist ने की 13 यौगिकों की खोज

डा. अमित दुबे ने अपने गाइड्स के साथ कैमोमाइल (बबूने का फूल) के 13 प्रमुख प्राकृतिक यौगिकों अल्फा-बीसाबोलल, अल्फा-फ़ार्नेसीन, अल्फा पाइनीन, बिसाबोलोल, कैफिक एसिड, चामाज़ुलीन, क्लोरोजेनिक एसिड, हरनियारिन, मैट्रिकिन, नोबिलिन, पेटुलेटिन, सलिसीक्लिक एसिड, अम्बेलिफ़ेरोन, इत्यादि की खोज की। डा. अमित दुबे ने बताया, क्लोरोजेनिक एसिड और मैट्रिकिन काइमेज प्रोटीन को पूरी तरह से बाधित कर अथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी को सही करने में कारगर है। इन् प्रमुख यौगिकों की गुणवत्ता जानने के लिए इन 13 यौगिकों को कुछ और महत्वपूर्ण सेरिने प्रोटीन के तहत उपयोग कर यह पता लगाया कि यह यौगिकों का मेल जितना कारगर काइमेज (अथेरोस्क्लेरोसिस) को बाधित करने में है, उतना ही यह बाकी प्रोटीन को भी बाधित करने में है, जिससे यह निष्कर्ष निकला गया कि यह (camomile flowers) हज़ारों बीमारियों को भी ठीक करने में काफी कारगर साबित हो सकता है।

स्विट्ज़रलैंड की शोध पत्रिका में छपा आलेख

डॉ. अमित दुबे ने बताया, प्राकृतिक यौगिकों से काइमेज प्रोटीन के संयुक्त कम्प्यूटेशनल अनुसंधान के उपयोग एवम विश्लेषण के आधार पर, संरचना आधारित आभासी स्क्रीनिंग, आणविक डॉकिंग और डायनामिक्स, बंधन मुक्त ऊर्जा गणना पर आधारित है। निष्कर्षों से यह पता चला है कि कैमोमाइल (बबूने का फूल) के प्राकृतिक यौगिकों का समूह, क्लोरोजेनिक एसिड और मैट्रिकिन, जो काइमेज प्रोटीन को पूरी तरह से बाधित कर अथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी को सही करने में कारगर है। अब डॉ अमित दुबे चूहों पर कैमोमाइल (बबूने का फूल) के यौगिकों उपयोग कर यह देखने तैयारी में हैं कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जड़ खत्म करने में कितना कारगर है। यह निष्कर्ष स्विट्ज़रलैंड की प्रमुख शोध पत्रिका, बिओमोलेक्यूल्स, एमडीपीआई से प्रकाशित हुए हैं। यह शोध कैमोमाइल (बबूने का फूल) से अनेक बीमारियों के चिकित्सा विज्ञान के प्रति बहुत ही नवीन दृष्टिकोण है।

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