साड़ी गले में फंसी थी और पीठ पर पत्थर था, घर से 600 मीटर के फासले पर मिला शव
महुआ की डोरी (कोइया/बीज) बीनने के लिए लालापुर-शंकरगढ़ सीमा पर स्थित जंगली क्षेत्र में गई थी वृद्धा
प्रयागराज (आलोक गुप्ता). 20 जुलाई, 2023 को महुआ की डोरी (कोइया/बीज) बीनने के लिए लालापुर-शंकरगढ़ की सीमा पर स्थित के जंगली क्षेत्र में गई वृद्धा का शव देर शाम पाया गया। वृद्धा के गर्दन में साड़ी लिपटी हुई थी। शव पेट के बल औंधा पड़ा था और पीठ पर पत्थर था। मामले की जानकारी होते ही मुकामी पुलिस के साथ मौके पर उच्चाधिकारी पहुंच गए। मौके से साक्ष्य संकलन के बाद पुलिस ने शव को चीरघर भेजा। मामले में जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के बड़गड़ी गांव के रहने वाले कमलाकर सिंह भदौरिया की 65 वर्षीया पत्नी महुआ की डोरी बीनने के लिए स्थानीय जंगली क्षेत्र में गई थीं। घरवालों के मुताबिक वह रोजाना महुआ की डोरी बीनने के लिए जाती थीं और लौट आती थीं। गुरुवार को भीवह डोरी बीनने केलिए गईं, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटीं। काफी देर तक घरवालों इंतजार किया।
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इसके बाद खोजबीन करने के लिए जंगल की तरफ चले गए। खोजबीन के दौरान वृद्धा का शव गांव के समीप स्थित नाले के पास बेर की झाड़ी में पाया गया। उनके गले में उनके साड़ी का फंदा फंसा हुआ था और पीठ पर वजनी पत्थर रखा हुआ था। घरवालों का कहना है कि वृद्धा की हत्या की गई है। इसके बाद बेटे अंकित ने पुलिस को सूचना दी।
इस मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी संतोष कुमार मीना ने बताया कि गुरुवार की शाम साढ़े पांच बजे ग्राम बड़गड़ी निवासी अंकित ने फोन कर बताया कि उसकी मां, जो महुआ का बीज- डोरी बीनने गई थी। उसका शव शंकरगढ़ थाना क्षेत्र में घर 600 मीटर के फासले पर मिला है। इस सूचना के बाद फोर्स पहुंची। मौका मुआयना कर साक्ष्य संकलित किया गया। शव चीरघर भेजा गया। आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।