राज इंटरप्राइजेज को 64573 रुपये अदा करने का आदेश, 6000 रुपये जुर्माना
भदोही. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने राज इंटरप्राइजेज पर 6000 रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग ने आदेशित किया कि वह (राज इंटरप्राइजेज) निर्णय की तिथि से दो माह के अंदर परिवादी को 64573 रुपये और मुकदमा दाखिल करने की तिथि निर्णय के दिनांक तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
उपभोक्ता आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि यदि विपक्षी निर्णय एवं आदेश की तिथि से दो माह के अंदर अनुपालन नहीं करता तो उपरोक्त धनराशि के अलावा 12% वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करनी होगी। ग्राम दुदुवा धर्मपुर (मोढ़) के निवासी मुस्लिम पुत्र तसव्वर ने 10 अप्रैल, 2017 को राज इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर राजाराम गौतम और मेसर्स हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस चेन्नई को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
वादी के अधिवक्ता सत्य प्रकाश ने अपने मुकदमे में बताया था कि परिवादी ने स्व नियोजन उपाय से जीवोकोपार्जन के लिए एक ऑटो रिक्शा 30 मई, 2013 फाइनेंस (विपक्षी संख्या दो से) कराकर खरीदा था। विपक्षी संख्या एक द्वारा ऑटो रिक्शा की कीमत ₹2.00 लाख बताई गई है। वादी से 64573 रुपये नगद जमा कराया। शेष धनराशि विपक्षीय संख्या दो से फाइनेंस कराई। जबकि वादी को विपक्षी संख्या एक द्वारा जो कैशमेमो दिया गया, उसमें टोटल इनवॉइस अमाउंट 186500 था।
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अन्य धनराशि के बारे में जब परिवादी ने पूछा तो विपक्षीय संख्या एक ने कहा कि शेष धनराशि फाइनेंस करने के कमीशन में चला गया। वादी वाहन चलाकर जीवको उपार्जन करता रहा और विपक्षी संख्या 2 के फाइनेंस की रकम जमा करता रहा। वादी ने 98674 रुपये जमा कर दिए। इसके बावजूद विपक्षीय संख्या 2 के कर्मचारियों ने वादी को मोबाइल से फोन कर भदोही बुलाया और परिवादी का ऑटो रिक्शा कब्जे में ले लिया और वाहन को बेचकर फाइनेंस की रकम वसूल कर अवशेष धनराशि वादी को वापस करने की बात कही।
वादी का कहना है कि उसने विपक्षी संख्या एक और दो को, कुल मिलाकर 163247 अदा कर दिया, लेकिन साजिश कर 186500 के वाहन को विक्रय करके रुपये मात्र 64573 रुपए नकद प्राप्त किया और फाइनेंसर ने 98674 रुपये प्राप्त करने के बाद भी वाहन को अपने कब्जे में लेकर बिना रसीद दिए शोषण करने के उदेश्य से आर्बिट्रेशन की नोटिस प्राप्त कराई।
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जब वादी ने वाहन के संबंध में आरटीओ कार्यालय से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि वाहन स्वामी सुरेंद्र कुमार पुत्र शंभू नाथ (निवासी मिल्की, ज्ञानपुर, भदोही) के नाम का था। जिसे साजिश कर विपक्षी पार्टी ने 163247 रुपये लेकर परिवादी के साथ सेवा में कमी की और अनुचित व्यापारिक सेवाएं दी।
आयोग की तरफ से विपक्षियों को नोटिस जारी किया गया। विपक्षी पार्टी द्वारा जवाब दावा दाखिल किया गया लेकिन कोई शपथ पत्र आदि नहीं प्रस्तुत किया। जिला उपभोक्ता आयोग की पीठ ने परिवादी की बहास सुनी, क्योंकि विपक्षी की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। आयोग ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया और परिवादी का वाद आंशिक रूप से विपक्षी संख्या एख मेसर्स राज इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर राजाराम गौतम (बायपास रोड, हाल मुकाम चेतनीपुर) को आदेश दिया कि दो माह के अंदर वह परिवादी को 64573 रुपये और मुकदमा दाखिल करने की तिथि 10.4.2017 से निर्णय एवं आदेश की तिथि तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज और सेवा में कमी के कारण परिवादी को हुई मानसिक छत्रपूर्ति के लिए ₹5000, मुकदमा खर्च के लिए ₹1000 भी अदा करें।