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पतितपावनी मां गंगा को करीब से जानना है तो गंगा पुस्तक प्रदर्शनी को है आपका इंतजार

संगमनगरी पहुंची गंगा पुस्तक परिक्रमा, जिलाधिकारी ने फीता काट किया उद्घाटन, दो नवंबर तक प्रयागराज में रहेगी सचल पुस्तक प्रदर्शनी

प्रयागराज (आलोक गुप्ता). जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कलेक्ट्रेट परिसर में सचल पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और मां गंगा के महत्व के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने की इस अनूठी पहल की सराहना की।

यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर से दो नवंबर तक प्रयागराज के विभिन्न विद्यालयों, विश्वविद्यालयों व अन्य महत्त्वपूरर्ण स्थानों का दौरा करेगी। सभी को पढ़ने के लिए पुस्तकों का खजाना उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त छात्रों और युवाओं को हमारे जीवन पर मां गंगा के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में भी जागरूक करेगी।

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जिलाधिकारी ने कहा, देश में मां गंगा के सांस्कृतिक महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए न्यास पर्यावरणविदों, आध्यात्मिक विभूतियों और शिक्षाविदों को भी आमंत्रित कर इस यात्रा में जोड़ा जा रहा है, जिससे लोगों में अपनी इस पवित्र नदी के समृद्ध इतिहास की जानकारी हो सके। गंगा पुस्तक प्रदर्शनी प्रयागराज से आगे बढ़कर मिर्जापुर, वाराणसी, छपरा, पटना, बेगूसराय, सुल्तानगंज, भागलपुर, साहिबगंज, बहरामपुर, कोलकाता से होकर 22 दिसंबर, 2022 को हल्दिया में अपनी यात्रा समाप्त करेगी।

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इस पुस्तक प्रदर्शनी में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू में विभिन्न आयु वर्ग के लिए पुस्तकों के अलावा मां गंगा और भारतीय नदियों और जल निकायों के आस पास विकसित पारिस्थितिकी तंत्र पर पुस्तकें प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। गंगा पुस्तक परिक्रमा किताबों की दुनिया के माध्यम से गंगा की साहित्यिक विरासत से जुड़ने की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति के लिए आकर्षण के केंद्र है।

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