खेत-खलिहानों को छोड़ नीचे लौट रहीं गंगाः खतरे के निशान से ढाई मीटर नीचे आया पानी
प्रभावित क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्यों के लिए पीएसी की टीम तैनात, प्रशासनिक अफसरों ने भी डाला डेरा
बाढ़ पीड़ितों के संग मवेशियों के लिए भी चलाया जा रहा राहत-बचाव कार्य, 1386 पशुओं का लगाया गया टीका
भदोही (कृष्ण कुमार द्विवेदी). बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे लौट रहा था। खेत-खलिहान पीछे छूट रहे हैं। हालांकि बाढ़ के साथ आया ढेर सारा मलबा पीछे छूट जा रहा है। एक सितंबर को दूसरे पहर तीन बजे तक बाढ़ का जलस्तर खतरे के निशान (81.20 मीटर) से ढाई मीटर नीचे जा चुका था। इससे बाढ़ से प्रभावित गांव के लोगों को काफी राहत मिली है। पानी में डूबी सड़कें, चकरोड और मेड़ दिखने लगे हैं। जिला सूचना अधिकारी डा. पंकज कुमार ने बताया कि अब गंगा का पानी काफी तेज से पीछे लौट रहा था। आज 6.2 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की दर से गंगा का जलस्तर कम हो रहा है। औसतन एक दिन में डेढ़ मीटर पानी नीचे खिसक रहा है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
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जनपद में कुल 26 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जहां सर्वाधिक नुकसान खेती को हुआ है। इसके अलावा तीन गांवों की आबादी भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है। इन प्रभावित गांवों से 300 लोगों को राहत केंद्र श्रीनारायण इंटर कालेज धनतुलसी और शिवकरन मिश्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ठहराया गया, जहां पर सभी के खाने-पीने का भी इंतजाम प्रशासन की तरफ से किया गया है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत किट का भी वितरण किया गया।
बाढ़ की वजह से आमजन के साथ-साथ मवेशी भी प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की वजह से बीमार पड़े कुल 87 मवेशियों का उपचार किया गया। इसके अलावा 1386 पशुओं का टीकाकरण करवाया गया। इसके अतिरिक्त तीन दर्जन मवेशी प्रभावित हुए हैं। जिला सूचना अधिकारी डा. पंकज कुमार ने बताया कि प्रभावित गांवों में एडीएम (फाइनेंस), एसडीएम, तहसीलदार की टीम डटी हुई है। राहत-बचाव कार्यों के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित गांवों में साफ-सफाई, ब्लीचिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करवाया जा रहा है।
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फागिंग, एंटी लार्वा छिड़काव और टीकाकरण का निर्देशः जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सीएमओ सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक दवाओं कावितरण करवाने, साफ-सफाई करवाने, ब्लीचिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से कहा कि वह पशुओं का शत प्रतिशत टीकाकरण करवाएं। लंबी रोग के प्रति पशुपालकों को जागरुक करें। डीपीआरओ को गांवों में और नगर पालिका व पंचायतों को स्थानीय कस्बों में साफ-सफाई, ब्लीचिंग के छिड़काव व फागिंग के लिए निर्देशित किया है।