भदोही (संजय सिंह). जिला प्रशासन के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भरसक कोशिश की। जी-तोड़ मेहनत से उन परदेशियों को भी मतदान के लिए बुलावा भेज दिया। अब जब परदेशियों की फौज मतदान के लिए यहां पहुंची तो पता चला रहा है कि बहुतों का नाम हीवोटर लिस्ट से गायब है या फिर डिलीट कर दिया गया है।
दरअसल, इस बार स्वीप कार्यक्रम के तहत बीएलओ को लगाकर उन मतदाताओं को भी वोटिंग के लिए बुलवाया गया, जो लोग दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई, सूरत, बंगलुरू जैसे शहरों में रोजी-रोजगार के लिए रहते हैं। प्रशासन की अपील पर बहुत सारे मतदाता घर आए।
25 मई की प्रथम बेला में जब वह मतदान के लिए पहुंचे तो पता चला कि उनका नाम ही वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। विधानसभा ज्ञानपुर के बेरासपुर मतदान केंद्र के बूथ संख्या 256 और 257 पर इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मतदाता नजर आए, जिनका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं था।
वोटिंग लिस्ट में नाम गायब होने की यह समस्या सिर्फ बेरासपुर की ही नहीं है। कमोवेश हर जगह कुछ न कुछ लोगों के नाम कटे हुए हैं और वह लोग मतदान नहीं कर पा रहे हैं। यहां, सबसे बड़ा और अहम सवाल यह है कि वोटर लिस्ट को पूर्ण करने में यह चूक कहां से हो गई।
दूसरी बात यह कि बीएलओ के द्वारा ही वोटर लिस्ट के आधार पर परदेशी मतदाताओं को फोन कर आमंत्रण दिया गया, ऐसे में जिस सूची से आमंत्रण दिया गया, क्या वह सूची चंद रोज में ही बदल गई। फिलहाल, प्रशासन की तरफ इस मसले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।